Archive for December, 2022

ई पॉलिसी आने से पहले ई वाहन खरीदकर दिल्ली को प्रदुषण मुक्त मे बने वाहन मालिक आज परेशान, क्यों

December 21, 2022

2018 से पहले ई – वाहन खरीद कर दिल्ली को प्रदुषण मुक्त में सहायक बनने वाले वाहनों के मालिक आज परेशान,

दिल्ली में ई वाहन की बिक्री शुरू होने से लेकर ई वाहन पॉलिसी (2018) आने से पहले ई वाहन खरीद कर व्यवसायिक कार्यों में चलाने वाले वाहनों के मालिक हो रहे हैं परेशान और भटक रहे हैं दर दर पैर नही है उनकी कोए सुनने वाला।

दिल्ली परिवहन विभाग ने ई पॉलिसी आने से पहले ई वाहनों को साधारण चलने वाली कैटेगरी में पंजीकरण नंबर प्रदान कर साधारण तरीके से परमिट शुल्क लेकर परमिट जारी कर दिए।

2017 में जिस वाहन मालिकों ने ई वाहनों पर परमिट ले लिए वह आज उस परमिट को नवीनीकरण करवाने के लिए दर दर भटक रहे है और उनको सही दिशा दिखाने और बताने बाला पूरे परिवहन विभाग में कोई नहीं है। सब का एक जवाब परिवहन आयुक्त सीधे इस कार्य को स्वयं देखते हैं और वही इसके लिए सही मार्गदर्शन कर सकते है और परिवहन आयुक्त के पास मिलने का समय उपल्ब्ध नही अब क्या करे वह सभी वाहन मालिक जिन्होंने ई पॉलिसी आने से पहले ही ई वाहन खरीदकर उसे जनहित और दिल्ली को प्रदुषण मुक्त कराने में अपना योगदान प्रदान किया।

यह वह वाहन मालिक है जिन्होंने ई वाहन के लिए पंजीकरण फीस दी है ना की सरकार से सब्सिडी प्राप्त की है

यह वह वाहन मालिक हैं जिन्होने ई वाहन के परमिट के लिए भी फीस दी है मुफ्त में नही प्राप्त किया

फिर भी परेशान और वह भी परिवहन विभाग की गलती से है ना कितना जनहित का विभाग ?

संजय बाटला

यूरोडायनमिक्स को लेकर आईएसयू-यूएसआई के बढ़ते कदम

December 18, 2022

यूरोडायनामिक्स को लेकर आईएसयू-यूएसआई के बढ़ते कदम

यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (यूएसआई) के महिला व फंक्शनल यूरोलॉजी सेक्शन द्वारा यूरोडायनामिक्स पर आईएसयू-यूएसआई मास्टरक्लास की पहली वार्षिक बैठक 16 से 18 दिसंबर 2022 को दिल्ली के वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल में आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन मुख्य अतिथि यूएसआई के अध्यक्ष डॉ. आर. सबनीस ने किया व और सम्मानित अतिथि के रूप में चिकित्सा अधीक्षक, सफदरजंग अस्पताल निदेशक प्रोफेसर डॉ. बी.एल शेरवाल मौजूद रहें। इस बैठक में 70 से अधिक प्रसिद्ध राष्ट्रीय संकायों और 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह खंड यूरिन / मूत्राशय की समस्याओं वाले रोगियों की देखभाल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बनाया गया है। जो महिलाएं मूत्र असंयम और उल्टी की समस्या जैसी बीमारियों से चुपचाप पीड़ित रही हैं, उन्हें इससे विशेष रूप से लाभ होने वाला है। साथ ही रोगियों का एक और उपेक्षित वर्ग जो लाभान्वित होगा, वे हैं न्यूरोजेनिक ब्लैडर वाले बच्चे और वयस्क। स्पाइना बिफिडा, रीढ़ की हड्डी की चोट जैसी रीढ़ की हड्डी की असामान्यता वाले रोगी। यूरोलॉजी विभाग वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ पवन वासुदेवा, जो इस सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष थे, ने बताया कि सफदरजंग जल्द ही इन रोगियों की देखभाल के लिए एक समर्पित ओपीडी शुरू करेगा। जिसके माध्यम से ज़्यादा से ज़्यादा रोगियों को सहायता उपलब्ध करवाई जा पायेगी। उन्होंने आगे कहा कि सफदरजंग अस्पताल अपने रोगियों की सेवा के लिए हमेशा कार्य करता है। इस पहल के बाद लोगों को बहुत सुविधा मिलेंगी। इसके अलावा उन्होंने बताया की इस कार्य को लेकर अस्पताल के सभी डॉक्टर, कर्मचारी अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।

सिद्ध पीठ श्री साई कालका मन्दिर असोला धाम 11 दिसंबर से जनता के खोल दिया गया,

December 16, 2022

जय माँ कालका भद्रकाली दरबार दिल्ली [रजि.) (संचालक) सिद्ध पीठ श्री साई कालका मन्दिर द्वारा नव निर्मित सिद्ध पीठ श्री साई कालका मंदिर असोला धाम का उदघाटन कार्यक्रम दिनांक 11 दिसंबर 2022 को अत्यंत हर्षोल्लास व धूम धाम से सफलता पूर्वक आयोजित किया गया है। देश विदेश से लगभग 10000 से अधिक लोगो ने संगत के रूप में इस एतिहासिक कार्यक्रम के साक्षी बने व् माँ कालका व साईं नाथ जी के प्रथम दर्शन किये।

गुरु माँ श्री राज राजेश्वरी देवी जी (माँ की लाडली बेटी) की प्रेरणा से जय माँ कालका भद्रकाली दरबार दिल्ली (रजि.) द्वारा इस भव्य सिद्ध पीठ श्री साई कालका मन्दिर का निर्माण देश भर के 131 शक्तिपीठो व् अन्य प्राचीन धर्म स्थलों की मिटटी व् पवित्र जल लाकर किया गया है।

जय माँ कालका भद्रकाली दरबार दिल्ली [रजि.] | द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम माँ दुर्गा को कंजक रूप में वीर हनुमान व् भैरव बाबा के बाल रूप के साथ सुसज्जित रथ यात्रा द्वारा बैंड बाजे, ढोल आदि के घोष के साथ नव निर्मित मंदिर तक लाया गया व् उसके पश्चात रिब्बन कटिंग सेरेमनी को उसी कंजक रूप से पूर्ण किया गया |

इसके पश्चात कंजको को पूजन के पश्चात भोजन व प्रसाद आदि वितरित किया गया। इसके साथ ही माँ कालका को 56 भोग अर्पण किया गया। इसके पश्चात् राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित व अनेक पुरस्कार विजेता विभिन्न विद्यालयों के एनसीसी छात्रो द्वारा मधुर बैगपाइपर बैंड की धुन बजायी गयी |

इस कार्यक्रम में पूरे देश के विभिन्न स्थानों से गुरु माँ श्री राज राजेश्वरी देवी जी (माँ की लाडली बेटी) से दीक्षित व् गद्दी प्राप्त लगभग 150 शिष्यों ने भाग लिया | इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए जानेमाने गायकों द्वारा मनमोहक भजन ने पूरी संगत को झूमने पर विवश कर दिया |

पूरे दिने भंडारे व् प्रसाद आदि के वितरण के पश्चात शाम महा आरती से पूर्व 1100 दीप व् मोमबत्ती प्रज्वलित कर पूरे नव निर्मित सिद्ध पीठ श्री साई कालका मंदिर असोला धाम को जगमग किया गया। महा आरती में मंदिर को फूलो व् दीप आदि से सजाया गया | महा आरती के लिए विशेष 108 दियो, ढोल, नगाडो, डमरू व् घंटे की ध्वनी के साथ सभी उपस्थित संगत ने भक्ति भाव से माँ कालका की आरती की।

इसके पश्चात् आतिशबाजी का आयोजन व संगत को प्रसाद वितरित किया गया।

इसी के साथ अब नव निर्मित सिद्ध पीठ श्री साई कालका मंदिर असोला धाम को सभी के लिए दर्शन हेतु खोल दिया गया है।

दर्शन और प्रोग्राम को देखने हेतु लिंक पर क्लिक करें और देखें एवम् आशीर्वाद प्राप्त करे

जन जानकारी हेतु सौजन्य से:-
संजय बाटला
स्वतंत्र सिंह भुल्लर
दिलीप

परिवहन विभाग द्वारा जनहित में जारी आदेश कितना जन के लिए हितकारी

December 13, 2022

वाहन मालिकों को ऑनलाईन फेस फ्री कार्यशैली में कितना सुखद अनुभव, जाने

परिवहन विभाग ने अपने आप को सर्वश्रेष्ठ दिखाने के लिए दिल्ली में फेस फ्री आनलाइन कार्यशैली लागू कर दी थी बिना सोचे समझे

दिल्ली में वाहन मालिक के नाम को परिवर्तित करने के लिए सुखद अनुभव प्रदान किया की घर बैठे वाहन अपने नाम करवाए।

ऑटो यूनिट दिल्ली में एक वाहन मालिक की मौत हो जाने के बाद फेस फ्री आनलाइन कार्यशैली के कारण ऑटो के स्क्रैप आदेश, रिप्लेसमेंट आदेश, नया वाहन पंजीकृत और नाम परिवर्तन भी कर दिया गया।

विभाग से इस बारे में जानने के बाद पता चला कि इसमें ऑटो शाखा की गलती कहा और कैसे?परिवहन मुख्यालय द्वारा जारी आदेश के तहत केवाईसी और फेस फ्री कार्यशैली से सभी कार्य हुए हैं तो हमको कैसे पता चलेगा कि इस प्रक्रिया को करने वाला जीवित हैं या मरा हुआ।

आधार कार्ड में डेथ सर्टिफिकेट इश्यू होने के बाद भी कोई टिप्पणी नहीं होती और ना ही आधार कार्ड को रद्द किया जाता हैं ऐसे में भारत सरकार और परिवहन विभाग द्वारा जारी फेस फ्री आनलाइन आदेश के तहत अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी तो उसके लिए कोई भी विभागीय अधिकारी जिम्मेदार कैसे हो सकता है।

ऑटो यूनिट ने जानकारी में आने के बाद उस वाहन को ब्लैक लिस्ट में कर उसके आगे होने वाले सभी कार्य रोक दिए, पर क्या ब्लैक लिस्ट करना इस तरह की समस्याओं का सही हल है इस बात का जवाब देने को परिवहन विभाग के आला अधिकारियों में कोई भी तैयार नहीं।

दिल्ली की जनता अब स्वयं फैसला ले फेस फ्री आनलाइन कार्यशैली कितनी सुखद,

संजय बाटला

*परिवहन विभाग ने एनबीएफसी कंपनियों को इंटीग्रेटेड करके ऑटो माफिया को बनाया और ताकतवर*

December 11, 2022

परिवहन विभाग ने एनबीएफसी कंपनियों को इंटीग्रेटेड करके ऑटो माफिया को बनाया और ताकतवर

शीर्ष अदालत द्वारा जारी दिशा निर्देशों को अपने पक्ष में करवाने के लिए न्याय प्रणाली और सरकारी तंत्र को भी अपने विचारों में मिलाकर कर्जा लेने वाले पर दबाव बनाने और बनवाने से मशगूल एनबीएफसी कंपनिया ।

The dictum of the Supreme Court in Dashrath Rupsingh Rathod case has been “legislatively overruled” by an amendment to the Negotiable Instruments Act, in 2015 (as observed in P. Mohanraj v. Shah Brothers Ispat Pvt. Ltd: (2021) 6 SCC 325 – RF Nariman, J.)

  1. After the 2015 amendment (after inserting Sub-section – 2) the territorial jurisdiction stands as under:
    “(2) The offence under section 138 shall be inquired into and tried only by a court within whose local jurisdiction –
    (a) if the cheque is delivered for collection through an account, the branch of the bank where the payee or holder in due course, as the case may be, maintains the account, is situated; or
    (b) if the cheque is presented for payment by the payee or holder in due course otherwise through an account, the branch of the drawee bank where the drawer maintains the account, is situated.“
  2. IN THE COURT OF ADDITIONAL SESSIONS JUDGE
  3. KARKARDOOMA:DELHI I. D. No. 81959,81960 &81962 Crl. Appeal No. 3/08,4/08&5/08 Date of institution 12/11/08 Date ofarguments 06/05/09 Date of decision 08/05/09

दिल्ली में सभी जानते हैं,
A. दिल्ली में ऑटो माफिया पहले ही बहुत शक्तिशाली था,
B. उस पर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा एन आई एक्ट 2015 में संशोधन का दावपेच खेल कर जिला अदालतों में भरपूर फायदा उठाने लगे,
C. परिवहन विभाग द्वारा अपने आप को इंटीग्रेटेड करवाकर और अधिक शक्तिशाली बन बैठे

यहां जानने योग्य बात है की माननीय उच्चतम न्यायालय ने एन आई नियमो में जो संशोधन किया वह बैंक / एनबीएफसी कंपनियों/ जनहित में किया गया था पर एनबीएफसी कंपनियों ने इस संशोधित नियम का भरपूर फायदा उठाना शुरू कर दिया और उसमे अपने साथ न्यायिक प्रणाली को भी जोड़ लिया।

दिल्ली परिवहन विभाग ने जनहित का नाम लेकर दिल्ली में वाहनों पर कर्जा देने वाले बैंको और एनबीएफसी कंपनियों को विभाग के एप से जुड़ने (इंटीग्रेटेड होने) के लिए बाध्य किया जिससे जनता को अपना भविष्य सुरक्षित होने की उम्मीद जागी थी पर अब जो सच सामने आए वह जनहित नही जनता पर एनबीएफसी कंपनियों द्वारा कानूनी / गैर कानूनी तरीके से जनता पर अपना दबाव बनाने का रास्ता निकला।

आज दिल्ली में एनबीएफसी कंपनिया परिवहन विभाग और दिल्ली सरकार की शह पाकर और न्यायिक प्रणाली को अपने साथ जोड़कर जनता को लूटने का खुला खेल खेलने लगा है।

कैसा जनहित किया परिवहन विभाग दिल्ली द्वारा

संजय बाटला

परिवहन विभाग द्वारा पाबन्दी के आदेश पर पाबन्दी हटाने के लिए नही, आखिर क्यों ?

December 9, 2022

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा वाहनों पर पाबन्दी के आदेश पर पाबन्दी हटाने के नही, आखिर क्यों ?

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा एयर पॉल्यूशन के चलते बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों पर पाबंदी के आदेश पारित करने से नही चुकता और आदेश के अंर्तगत जुर्माने की राशि भी याद करवाना नही भूलता पर जब एयर पॉल्यूशन कंट्रोल में आ जाता हैं तब पाबन्दी हटाने के लिए आदेश जारी नही करता आखिर इसके पीछे क्या है कारण?

दिल्ली परिवहन विभाग भली भांति जानता है की दिल्ली में बाहर के वाहन और अन्य राज्यो से आने और जाने वाली सवारियों का इसी कैटेगरी के वाहनों का सबसे ज्यादा प्रयोग होता है फिर उनकी चिन्ता से मुक्ति दिलवाने के प्रति क्या जनहित में पाबंदी हटने के आदेश जारी करना नही बनता।

पाबन्दी की तारीख से पहले पाबन्दी हटने की अधिसूचना जारी नही करने के पीछे कही बिना कारण प्रवर्तन शाखा द्वारा वाहन चालकों को परेशान करवाना तो नही ?

परिवहन विभाग को पाबन्दी लगाने और हटाने के आदेश तत्काल प्रभाव से जारी करने और उसे वेबसाइट पर अपलोड करवाने चाहिए जिससे सड़कों पर किसी को परेशानी ना हो।

संजय बाटला