एक तनख्वाह या कमाई का रास्ता
कितनी बार टेक्स दूं और क्यों…जवाब है???
मैनें तीस दिन काम किया,
तनख्वाह ली – टैक्स दिया
मोबाइल खरीदा – टैक्स दिया–‘
रिचार्ज किया – टैक्स दिया
डेटा लिया – टैक्स दिया
बिजली ली – टैक्स दिया
घर लिया – टैक्स दिया
टीवी फ्रीज़ आदि लिये – टैक्स दिया
कार ली – टैक्स दिया
पेट्रोल लिया – टैक्स दिया
सर्विस करवाई – टैक्स दिया
रोड पर चला – टैक्स दिया
टोल पर फिर – टैक्स दिया
लाइसेंस बनवाया – टैक्स दिया
गलती की तो – टैक्स दिया
रेस्तरां में खाया – टैक्स दिया
पार्किंग का – टैक्स दिया
पानी लिया – टैक्स दिया
राशन खरीदा – टैक्स दिया
कपड़े खरीदे – टैक्स दिया
जूते खरीदे – टैक्स दिया
किताबें लीं – टैक्स दिया
टॉयलेट गया – टैक्स दिया
दवाई ली तो – टैक्स दिया
गैस ली – टैक्स दिया
सैकड़ों और चीजें ली और – टैक्स दिया, कहीं फ़ीस दी, कहीं बिल, कहीं ब्याज दिया, कहीं जुर्माने के नाम पर तो कहीं रिश्वत के नाम पर पैसे देने पड़े, ये सब ड्रामे के बाद गलती से सेविंग में बचा तो फिर टैक्स दिया—-
सारी उम्र काम करने के बाद कोई सोशल सिक्युरिटी नहीं,कोई मेडिकल सुविधा नहीं, पब्लिक ट्रांस्पोर्ट नहीं, सड़कें खराब, स्ट्रीट लाईट खराब, हवा खराब, पानी खराब, फल सब्जी जहरीली, हॉस्पिटल महंगे, हर साल महंगाई की मार, आकस्मिक खर्चे व आपदाएं , उसके बाद हर जगह लाइनें।।।।
सारा पैसा गया कहाँ????
करप्शन में ,
इलेक्शन में ,
सब्सिडी में ,
मंदिर बनाने में
माल्या जैसों को भगाने में
अमीरों के फर्जी दिवालिया होने में ,
स्विस बैंकों में ,
नेताओं के बंगले और कारों में,
और हमें झण्डू बाम बनाने में ।
अब किस को बोलूं कौन चोर ???
आखिर कब तक मै और हमारे देशवासी यूंही घिसटती जिन्दगी जीते रहेंगे?????
कृपया इसे हर नागरिक को भेजें.
इतना लगान तो अंग्रेज भी नहीं लेते थे…
जनहित में जारी
संजय बाटला
दिल्ली सरकार ने प्रदुषण नियंत्रण के लिए नई एग्रीगेटर नीति बनाई और मांगें सुझाव, जल्द होगी लागू।
February 13, 2022न्यू एग्रीगेटर पॉलिसी
दिल्ली सरकार ने कहा है कि उसने अपनी एग्रीगेटर नीति के संबंध में विभिन्न पक्षकारों से सुझाव मांगे हैं. इसके तहत चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहन अपनाना अनिवार्य किया गया है. दिल्ली में अब प्रदुषण पर लगेगी रोक, डिलीवरी सेवाओं में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल होगा अनिवार्य।
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को खत्म करने के लिए केजरीवाल सरकार ने एग्रीगेटर नीती का मसौदा तैयार किया है. इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद अनिवार्य होगी.
दिल्ली की जनता की समस्याओं में सबसे ज्यादा गंभीर है वायु प्रदूषण, जिसे दिल्ली सरकार सिर्फ वाहनों की उत्पत्ति मान रही हैं और वाहनों के प्रदुषण को कम करने के लिए एग्रीगेटर नीति को सार्वजनिक कर दिया है.
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार की नजर में वाहनों के कारण दिल्ली में वायु प्रदुषण बेकाबू है और इसी सोच के अनुसार इस नीति का मसौदा तैयार किया गया है.
प्रदूषण कम करने के लिए इस नीति के तहत राइड एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को नए वाहनों की खरीद के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद अनिवार्य होगी. इसी के साथ बता दें कि दिल्ली देश में पहला राज्य है जिसने यह कदम उठाया है. इस नीति को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में ऐसी दूरदर्शी नीतियों को लागू करने में नागरिकों को शामिल करना जारी रखेगी. उन्होंने सभी से नीति के लिए अपनी प्रतिक्रिया और टिप्पणियां भेजने में सक्रिय रूप से शामिल होने का अनुरोध किया.
सरकार की सोच के अनुसार प्रदूषण कैसे होगा काम ?
इस नीति के जरिए सरकार ने 2024 तक वायु प्रदूषण को 30 फीसदी तक कम करने का टारगेट रखा है, एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को अगले 3 महीनों में सभी नए दोपहिया वाहनों में से 10 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 5 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी. एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को मार्च 2023 तक सभी नए दोपहिया वाहनों का 50 फीसदी और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 25 फीसदी इलेक्ट्रिक सुनिश्चित करना होगा.
दिल्ली सरकार ने इस एग्रीगेटर पॉलिसी को लागु करने से पहले जनता के मांगे सुझाव । दिल्ली की जनता 14 जनवरी 2022 से निम्नलिखित वेबसाइट पर जाकर अपने सुझाव दे सकती हैं , http://it.delhigovt.nic.in/pis/noc/egazettes.asp पर जा कर जनता 60 दिनों तक अपने सुझाव और आपत्ति बता सकती है.
नीति में क्या होगा काम
दिल्ली सरकार की इस नीति के तहत, एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को अगले 3 महीनों में सभी नए ऑनबोर्ड दोपहिया वाहनों में से 10 फीसदी और सभी नए ऑनबोर्ड चार पहिया वाहनों में से 5 फीसदी इलेक्ट्रिक सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी, जबकि मार्च 2023 तक 50 फीसदी दोपहिया और 25 फीसदी चौपहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक करना जरूरी होगा.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने लोगों से नीति पर प्रतिक्रिया और टिप्पणियां भेजने में सक्रिय रूप से शामिल होने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए इसे तैयार किया गया है.
पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि वाहनों से होने वाला उत्सर्जन कम करने की दिशा में इस नीति का न सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी में बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी व्यापक असर रहे, दिल्ली सरकार केन्द्रीय वायु गुणवत्ता मिशन (CAQM)के समक्ष एक प्रतिवेदन भी देगी.
जनहित में जारी
संजय बाटला
Tags:न्यूज ट्रांसपोर्ट विशेष, News Transport Vishesh, Tolwa, Transport Operators and Labour Welfare Association of Delhi.
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