Archive for August, 2022

*परिवहन विभाग कितना महिलाओ के साथ, आप भी समझें,*

August 31, 2022

परिवहन विभाग कितना महिलाओ के साथ, आप भी समझें,

परिवहन विभाग और परिवहन मंत्री लगातार विज्ञापनो द्वारा अपनी आप को महिला सशक्तिकरण और महिला सुरक्षा की बातें जनता के समक्ष प्रस्तुत करते रहे है और इस विषय में परिवहन विभाग की विज्ञापनो के आधार पर हमने भी धन्यवाद के साथ प्रशंसा करी थी पर सब कुछ सामने आनी पर पता चला कि वह सब तो सिर्फ आखों का धोखा ही था।

  1. महिलाओ की लिए ऑटो परमिट पर कोटा, जांच में पता चला की ई वाहनों को टू दिल्ली परिवहन विभाग परमिट देता ही नहीं है यानी किसी भी ई वाहन को परमिट की आवश्यकता है ही नहीं, जब परमिट की जरुरत नहीं तो कोटा कैसा?
    इस बात के लिए उदाहरण और सबूत में मेट्रो फीडर ई बस हैं जो दिल्ली की सड़को पर स्टेज कैरेज परमिट की तरह स्टेज़ से और डीटीसी बस स्टैंड से सवारी उठाती हुए चलती है वह भी बिना परमिट। दूसरा उदाहरण और सबूत दिल्ली की सड़को पर डीटीसी के नाम से चलने वाली ई बसे।
    निष्कर्ष:- जब परमिट की आवश्यकता ही नहीं टू किस प्रकार का कोटा?

दिल्ली की सड़क पर दुर्भाग्य पुर्ण दुर्घटना होने के बाद गृह सचिव कमेटी भारत सरकार द्वारा जारी आदेश के तहत दिल्ली परिवहन विभाग को दिल्ली में व्यवसायिक सवारी वाहनों पर चलने वाले सभी वाहन मालिकों का दिल्ली पुलिस की स्पैशल ब्रांच द्वारा जांच करवाना ओर वहा से जांच रिपोर्ट की साथ बार कोड प्राप्त करना था और उसी कोड द्वारा जांच बनाए रखना अनिवार्य था जिसे परिवहन विभाग ने अपनी ड्यूटी से मुक्त होने के लिए वाहन मालिको को ही पुलिस वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया।
निष्कर्ष:- परिवहन विभाग द्वारा महिला सुरक्षा की अहमियत जीरो हैं।

वाहनों में पैनिक बटन और उसका संबंध सीधा दिल्ली पुलिस विभाग के अंतर्गत, जिससे अगर कोई महिला सुरक्षा हेतु पैनिक बटन का प्रयोग करें तो जल्द से जल्द पुलिस सेवा उपल्ब्ध हो सके पर बसो में पैनिक बटन तो लगा दिए गए पर उसका संबंध कही भी नहीं जिसके तहत पैनिक बटन का प्रयोग करने वाले को मदद मिल सके।
निष्कर्ष:- सिर्फ दिखावा, महिला सुरक्षा नही

महिलाओ के सशक्तिकरण हेतु महिलाओ को ड्राईवर ट्रैनिंग फ्री, पर जिस कैटेगरी के लिए ट्रैनिंग फ्री उस कैटेगरी में दिल्ली परिवहन विभाग और दिल्ली सरकार में कोई स्थाई या अस्थाई नौकरी ही नहीं और प्राइवेट सवारी वाहनों में कार्य करना कितना सुरक्षित, यह तो आप जानते ही हैं।
निष्कर्ष:- सिर्फ दुनियां में दिखावे का माध्यम और कुछ नहीं।

यह तो कुछ उदाहरण और सबूत है अभी और भी बहुत है जो सत्य ओर तथ्य का सच बताने में सक्षम है, अब आप ही सोच ले परिवहन विभाग के आला अधिकारी मुख्य रूप में परिवहन आयुक्त एवम् परिवहन मंत्री कितने महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा के प्रति जागरूक है।

जनहित में जारी
संजय बाटला

*दिल्ली में परिवहन संबंधित कार्यों में प्रयोग होने वाला मेडिकल सर्टिफिकेट असली या फर्जी, कौन लेने को तैयार ज़िम्मेदारी*

August 30, 2022

दिल्ली में परिवहन संबंधित कार्यों में प्रयोग होने वाला मेडिकल सर्टिफिकेट असली हैं या फर्जी, है कोई लेने को तैयार इसकी ज़िम्मेदारी

दिल्ली राज्य भारत देश में इकलौता ऐसा राज्य था जहा अपना ड्राईविंग लाईसेंस बनवाने वालों को सबसे अधिक मेहनत करनी पड़ती थी और लर्निंग लाइसेंस भी पूर्ण जांच पड़ताल के बिना नही मिल पाता था।

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और वर्तमान के परिवहन आयुक्त द्वारा जनहित का नाम लेकर लर्निंग लाइसेंस को ऑनलाइन प्रक्रिया में शूरू करने के आदेश पारित नही किए गए थे तब तक दिल्ली में कलर ब्लाइंड व्यक्ति अपना लाइसेंस बनवाने में सक्षम नहीं था यह एक बहुत बड़ा सच है।

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और परिवहन आयुक्त को शायद कलर ब्लाइंड व्यक्तियो के लाइसेंस ना बनना रास नहीं आ रहा था इसी लिए जनहित का नाम लेकर इस आदेश को पारित कर सबका दिल जीत लिया।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में डॉक्टर द्वारा जारी सर्टिफिकेट की सत्यता लुप्त हो गई यह हम नहीं आप सभी भली भांति जानते है ।

अभी कुछ दिनों पहले इंदौर मध्यप्रदेश में आरटीओ की शिकायत पर जांच में अनगिनत आरटीओ एजेंटों के पास नकली डॉक्टर की मोहर और खाली सर्टिफिकेट बरामद हुए कही ऐसा तो नही दिल्ली में यह कार्य पूरी तेजी में हो क्योंकि परिवहन विभाग में ना तो आरटीओ कार्य करवाने के लिए कोई मान्यता प्राप्त एजेंट नियुक्त किए हैं और ना ही डॉक्टर।

सबसे बड़ी बात परिवहन विभाग द्वारा डॉक्टर प्रमाण पत्र यानी मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच का कोई ओचित्य ही नहीं है और ना ही कोई डीटीओ इसकी जांच करते हैं।

कही दिल्ली परिवहन विभाग के द्वारा की गई ऑनलाइन फेस फ्री प्रक्रिया में प्रयोग होने वाले मेडिकल सर्टिफिकेट भी इंदौर में प्रयोग होने वाले नकली डॉक्टर सर्टिफिकेट जैसे तो नहीं, क्या परिवहन विभाग के आला अधिकारियों और परिवहन मंत्री के पास है इसका जवाब ! अगर है तो कृप्या जनता की समक्ष उपस्थित करे ।
प्रश्न सिर्फ इतना है कि जनहित का नाम लेकर ऐसे कितने आदेश दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और परिवहन आयुक्त पारित करना चाहते हैं जिन से दिल्ली की सड़को पर दुर्घटना पहले से काफ़ी अधिक होने लगे पर सजा कम, क्योंकि कानून में जिसके पास ड्राईविंग लाईसेंस उपल्ब्ध है उसकी गलती से जनता को पहुचे नुकसान की कानूनी सजा उससे बहुत अलग है जिसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं।

धन्यवाद दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और परिवहन आयुक्त को उन सभी को सजा से बचवाने का रास्ता देने के लिए।

जनहित में जारी
संजय बाटला

दिल्ली परिवहन विभाग कितना जनहित का विभाग आप भी जाने

August 29, 2022

*दिल्ली परिवहन विभाग कितना जनहित का विभाग, जाने*

दिल्ली के व्यवसायिक वाहन मालिको के जो काम पहले फ्री में होते थे अब उसके लिए उनकी जेब से 100 रुपए से 1000 रुपए खर्च होते हैं।

वाहन मालिकों को जब कोई परेशानी या शिकायत होती थी तो वह बेफिक्र होकर आला अधिकारियों से मिल कर अपनी समस्याओं का निदान करवा लेते थे पर अब आला अधिकारी तो जेड प्लस सुरक्षा लेकर किसी को अपने करीब पहुंचने ही नहीं देते तो जनता शिकायते किससे करे और इसी का भरपूर फायदा उठा रहे हैं सभी परिवहन विभाग की ब्रांचों वाले और सच तो यही लगता हैं कि अंदर ही अंदर आला अधिकारियों का पूरा समर्थन भी उनके साथ है और इसीलिए इसे दिया जाता हैं नाम जनहित।

परिवहन विभाग के जो काम सबसे पहले आनलाइन आवेदन प्रक्रिया में शामिल होने चाहिए थे उन्हे जान बूझ कर ऑनलाइन प्रक्रिया से दूर रखा गया है।

परमिट, फिटनेस जैसे जरूरी वाहन दस्तावेज़ मोबाइल पर मैसेज से भेजे जाते हैं पर इसके लिए भी पोस्टल फीस चार्ज की जाती हैं फीस के साथ जिसका अर्थ आज तक किसी की समझ में नहीं आया।

अगर कोई वाहन मालिक ऑनलाइन प्रक्रियां में भुल से या गलती से कोई फीस गलत जमा कर देता हैं तो उस फीस को वापिस करने की जगह अपने राजस्व में रखता है तभी उसको अपनी सही फीस काटने की इजाजत देता है परिवहन विभाग

नए कारनामों के अंर्तगत जो सबसे महत्वपूर्ण बात सामने आई जिसे सुन कर आप सभी भी अचंभित हो जाएंगे वह है अगर आपके पास एक से अधिक निवास स्थान है और आप अपने वाहन को दूसरे एड्रेस पर करवाना चाहते हैं तो कुछ नीचे के अधिकारी व्यक्तियो को कितना परेशान करते हैं आप सोच भी नही सकतें। हमारे को एक वाहन मालिक ने बताया कि 15 जुलाई को ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया द्वारा उसने आरसी में एड्रेस बदलने की प्रक्रिया को पूरा किया और आज 29 अगस्त तक एड्रेस नही बदला गया और ऊपर से जो कागज इंस्पेक्टर मांग रहा है वो उपल्ब्ध नही हो सकता, अब आप बताएं गलत एड्रेस पर वाहनों को रखवाने के लिए किसकी गलती??? जिसके कारण गृह मंत्रालय भारत सरकार की कमेटी द्वारा निर्भया कांड के बाद एड्रेस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दी थी। सवाल बड़ा है पर सच्चाई यह है कि इसका जवाब परिवहन विभाग में कोई नहीं देगा।

जनहित में जारी,
*संजय बाटला*

परिवहन क्षेत्र की सभी जानकारियां अब सिर्फ एक क्लिक पर, जाने कहा!!!

August 28, 2022

भारत देश के सभी राज्यों की परिवहन क्षेत्र से जुड़ी सभी जानकारी अब आपको उपल्ब्ध होगी मात्र एक क्लिक पर

परिवहन क्षेत्र के लिए क्या कहती हैं परिवहन विभाग, राज्य सरकारें, सड़क परिवहन एवम् राजमार्ग मंत्रालय, माननीय उच्च न्यायालय और माननीय उच्चतम न्यायालय अब आप जान सकते हैं सिर्फ एक क्लिक पर,

सर्वप्रथम एक (1) सितंबर से दिल्ली और 15 सितंबर तक सम्पूर्ण भारत की परिवहन क्षेत्र की जानकारी आपके लिए एक क्लिक पर ला रहा है http://www.newstransportvishesh.com

आपकों इस वेब साइट पर अपनी परिवहन संबंधित सभी कार्यों में आने वाली परेशानियों के लिए हल और सही जवाब भी उपल्ब्ध करवाए जाएंगे इसके अलावा आप अपनी शिकायते, राय भी इस वेब साइट पर भेज सकेंगे।

इस वेब साइट पर आपको आवश्यक सभी सरकारी विभागों के लिंक भी उपल्ब्ध होंगे जिससे आपकों उन विभागों की वेब साइट पर जाने के लिए बार बार मेहनत ना करनी पड़े।

http://www.newstransportvishesh.com आपकी परिवहन क्षेत्र की सभी प्रकार की जानकारियों को बिना परेशानी प्राप्त करने के उद्देश्य से टोलवा द्वारा शुरु किया जा रहा है।

इस वेब साइट पर आपको वेब बेस्ड सभी समाचार, पॉलिसी और परिवहन विभाग के द्वारा जारी आदेश दिशा निर्देश सबसे पहले आनलाइन उपल्ब्ध करवाने का टोलवा का प्रयास है, आप इस वेब साइट को जनता के प्रति और अधिक सदुपयोगी होने के प्रति अपनी राय भी दे सकते हैं, जिसे तत्काल प्रभाव से शुरु करने का प्रयास किया जाएगा।

http://www.newstransportvishesh.com पर आप न्यूज़ ट्रांसपोर्ट विशेष के ऑनलाइन यूट्यूब चैनल, लिंकडिन इंस्टाग्राम ट्विटर, वर्डप्रेस. काम अकाउंट और बाटलाब्लॉग पर उपल्ब्ध परिवहन क्षेत्र के समाचारों को भी देख सकते हैं।

टोलवा परिवहन क्षेत्र से जुड़े सभी साथियों से सहयोग की आशा करता है और उम्मीद करता है कि आप अपनी राय, शिकायते, मांगे इत्यादि इस वेब साइट पर उपल्ब्ध करवा कर सब तक उसकी जानकारी सर्व प्रथम हमारे द्वारा पहुंचवाने में अपना पूरा साथ देने और इस वेब साइट को भारत को परिवहन क्षेत्र की सबसे बेहतरीन वेब साइट बनवाने में सहयोग करेंगे।

संजय बाटला

*दिल्ली परिवहन विभाग के आला अधिकारी सिर्फ दिल्ली की जनता से सरकार के राजस्व में इज़ाफ़ा करवाने के लिए है ना की जनता के हित के लिए, कितना सच*

August 27, 2022

दिल्ली परिवहन विभाग के आला अधिकारी सिर्फ दिल्ली की जनता से सरकार के राजस्व में इज़ाफ़ा करवाने के लिए है ना की जनता के हित के लिए,

दिल्ली की जनता जानते बुझते आज अपनी आंखे बंद कर के बैठी है और परिवहन विभाग द्वारा दिन प्रतिदिन परिवहन क्षेत्र के कार्यों को करवाने के लिए कर रही वृद्धि को देखकर आश्चर्य में है और उसके साथ विज्ञापनों में जनहित में किया गया पढ़ कर सिर्फ आंखे और मुंह बंद रखने को मजबूर हैं।

आश्चर्य इस लिए की किसी भी
राजनीतिक दलों को,
समाज कल्याण संस्थाओं
गृह मंत्री भारत सरकार
कानून मंत्री भारत सरकार
न्यायिक प्रणाली (माननीय उच्चतम न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय इत्यादि)
गैर कानूनी गतिविधियों के खिलाफ़ कार्यवाही करने वालो,(दिल्ली पुलिस, एंटी करप्शन, विजिलेंस, सीबीआई इत्यादि)
माननीय उपराज्यपाल दिल्ली
मुख्य सचिव दिल्ली इत्यादि किसी को भी नज़र नही आ रहा है परिवहन विभाग द्वारा दिल्ली सरकार के राजस्व में कानूनन और गैर कानूनी तरीके से जनता पर दबाव बना कर इजाफा करवाने में मददगार बना होना या फिर जान बूझ कर पता नहीं होने का दिखावा कर परिवहन विभाग को साथ दे रहे है।

परिवहन विभाग किस तरह से जनता से परिवहन कार्यों में गैर कानूनी ढंग से पैसा वसूल कर दिल्ली सरकार के राजस्व में इज़ाफ़ा करवा रहा है जिस की सम्पूर्ण जानकारी और विस्तृत सबूत कंप्यूटर रिकॉर्ड में दर्ज है और फिर भी अगर किसी को नहीं मिल रहे हो तो हमे समय दे हम सिद्ध करवा देंगे सरकारी ऑनलाईन कंप्यूटर रिकॉर्ड से!!!

जब परिवहन विभाग गैर कानूनी तरीके से राजस्व वसूली में स्लगन हो और राज्य सरकार (आम आदमी पार्टी सरकार) जनहित में विज्ञापनों में झुठी सुर्खिया बटोरने में लगी हो तब कैसे कोई जनहित की बात पूरी हो सकती हैं।

भारत देश के सभी राज्यों ने परिवहन क्षेत्र से जुड़े वाहन मालिकों को कई तरह से छूट देकर आगे चलने, उठने और बड़ने में हिस्सा लिया पर दिल्लो सरकार ने जो फ्री की राजनीति और जनता के शोषण में सबसे अग्रणी द्वारा वाहन मालिको से ब्याज दरों के साथ वसूली करने की प्रक्रिया जारी रखी हुई है जहा राज्य से सटे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक सभी प्रकार की फीस की देरी पर जुर्माना माफी स्कीम जारी है, कितनी जनहित की है आम आदमी पार्टी दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग दिल्ली

जनहित में जारी,
संजय बाटला

परिवहन विभाग की नज़र में आईडीटीआर ही सर्वोपरी क्यों ?

August 26, 2022

चेयरमैन फेथ द्वारा बैठक में दिए गए आईडीटीआर के पक्ष मे अधिकतम फैसले, आख़िर क्यों ?

आपकों हम बता ही चुके हैं की फेथ एनजीओ परिवहन विभाग द्वारा परिवहन आयुक्त, सीएमडी परिवहन निगम, एमडी मारुति और एमडी अशोक लीलैंड को लेकर 2005 में सैक्शन 1860 में पंजीकृत कराई गई थी जिसका मुख्य उद्देश्य दिल्ली की जनता को जरुरत के आधार पर सही ड्राइविंग स्किल डेवलपमेंट कम कीमत पर उपल्ब्ध करवाना था।

इसके लिए फेथ एनजीओ ने मारूति को दो जमीन और अशोक लीलैंड को एक जमीन परिवहन विभाग की मात्र 100 – 150 रुपए महीने की दर पर दी थीं।

परिवहन विभाग द्वारा इन कंपनियों को इस ड्राइविंग ट्रैनिंग स्किल सैंटर से फायदा पहुंचे इसके लिए दिल्ली में हैवी ड्राईवर लाइसेंस स्किल की मान्यता सिर्फ इन्ही तीन सेंटरों को दी और अन्य सभी जिनके द्वारा भी हैवी ड्राईविंग स्किल डेवलपमेंट कोर्स की अनुमति मांगी गई कोई भी कारण बता कर मना करते रहें। आख़िर परिवहन विभाग द्वारा इन्ही सैंटरो को मान्यता प्रदान करना न्यायिक प्रक्रिया है वह भी अधिकतम फीस दर के साथ, जवाब और सोच आपका है।

अन्य एनजीओ और ट्रस्ट जो दिल्ली की जनता को इनसे भी ज्यादा प्रभावी ढंग से ड्राइविंग ट्रैनिंग स्किल डेवलपमेंट कोर्स करवाने की क्षमता रखते हैं को परिवहन विभाग इस कार्य के लिए अपने साथ क्यों नहीं जोड़ना पसन्द करता बड़ा सवाल

आपकी जानकारी के लिए बता दे सड़क परिवहन एवम् राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 07 / 06 / 2021 को विधि विधान से गैजेट नोटिफिकेशन जारी कर सभी राज्य परिवहन विभागों को अपने राज्यो मे एक्रीडिटिड ड्राईविंग ट्रैनिंग सैंटर को मान्यता देने की बात कही थी जिसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति इस सैंटर से ड्राईविंग स्किल डेवलपमेंट प्राप्त करके सीधा अपना ड्राईविंग लाईसेंस बिना टैस्ट दिए प्राप्त कर सकता है।

दिल्ली की जनता का दुर्भाग्य कहे या परिवहन विभाग दिल्ली की हठ , दिल्ली परिवहन विभाग दिल्ली में आईडीटीआर और एसडीटीआई के अलावा एक्रीडिटिड ड्राईविंग ट्रैनिंग सैंटर की मान्यता किसी और को देना ही नहीं चाहता, आख़िर क्यों ? यह बात तो सिर्फ परिवहन विभाग ही जनता को बता सकता है और कोई नहीं।

आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें दिल्ली परिवहन विभाग ने आईडीटीआर की मांग पर नई फीस दर इन सेंटरों पर जनता से लेने के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है और अब यहां से ड्राइविंग स्किल डेवलपमेंट कोर्स के लिए जनता को एचएमवी:- 11500 +जीएसटी, एलएमवी :- 8400+ जीएसटी और टू व्हीलर:- 2500+जीएसटी देनी होगी । आईडीटीआर द्वारा उठाई गई इस मांग को मान कर परिवहन विभाग ने यह सिद्ध कर दिया की दिल्ली में मारूति कम्पनी द्वारा संचालित ड्राइविंग ट्रैनिंग स्कूल जो दर चाहे उसे जनता पर लागू करवा कर ले सकता है, जनता से ज्यादा जरूरी….?

25 जुलाई 2022 को परिवहन आयुक्त के नेतृत्व में बैठक में यह फैसला लिया गया है और साथ ही इस बैठक में परिवहन आयुक्त ने एक कमेटी का गठन कर उसे दिशा निर्देश जारी किए हैं की दिल्ली में अन्य जिन्हें भी टू व्हीलर और एलएमवी ड्राईविंग ट्रैनिंग सैंटर की मान्यता दी हुई है उनकी जांच करे और जो नियमों में पूरा ना पाया जाए की मान्यता रद्द करें यानी सीधा संबंध आईडीटीआर की अधिक फीस होने पर भी जनता इसी सैंटर में ट्रैनिंग लेने को मजबूर हो और आईडीटीआर को फायदा,

इसी बैठक में परिवहन आयुक्त द्वारा दो और दिशा निर्देश पारित किए गए हैं पहला महिलाओ को इलैक्ट्रिक वाहनों को चलाने की ट्रैनिंग प्रदान करना और दूसरा विदेश में ड्राइवरों की नियुक्ति हेतु वहा के स्टैंडर्ड पर ट्रेनिंग उपल्ब्ध करवाना। एक अच्छा कदम अच्छा दिशा निर्देश पर जानने योग्य प्रश्न यह है कि की इन तीनो सैंटर में कहीं भी कोई इलेक्ट्रिक वाहन और विदेशों की ड्राइविंग स्किल के लिए बाए हाथ के स्टेरिंग वाहन उपल्ब्ध है जो यह इलेक्ट्रिक वाहनों की ड्राइविंग स्किल और विदेश की सड़कों पर वाहन चलाने की ड्राइविंग स्किल डेवलपमेंट व्यक्ति विशेष को सही तरीके से करवा सके।

अब दिल्ली की जनता स्वयं फैसला करे की जिसकी शिकायत जनता के अलावा सरकारी विभाग भी करते रहें हैं परिवहन विभाग आपकों उसी के दर पर ड्राईविंग स्किल डेवलपमेंट कोर्स करने के लिए बाध्य कर रहा है।

जनहित में जारी
संजय बाटला

*दिल्ली सरकार राजस्व से एक बस खरीद कर सड़क पर नही लाई उसका दावा कितना सच्चा, जाने!*

August 25, 2022

दिल्ली सरकार राजस्व से एक बस खरीद कर सड़क पर नही लाई उसका दावा कितना सच्चा, जाने!

आम आदमी पार्टी सरकार दिल्ली के राजस्व और भारत सरकार द्वारा 300 बसों के खरीदने के लिए सब्सिडी लेने के बाद भी जनता के सार्वजनिक सेवा के प्रति एक भी बस खरीद कर सड़क पर नही लाई उसका दावा दिल्ली में देंगे दुनियां की सबसे बेहतरीन परिवहन व्यवस्था

  1. दिल्ली सरकार दावों को करने में नम्बर वन,
  2. विज्ञापनों में अपने आप को श्रेष्ठ बना कर दिखाने में नम्बर वन,
  3. वायदा करने और उससे मुकर जाने में नम्बर वन,

आम आदमी पार्टी जो पहले उतराखंड में, अब हिमाचल और गुजरात में जाकर लोगो को जो वायदे करके अपना वोट बैंक कायम करना चाहतीं हैं उन को दिल्ली में जहा पूर्ण बहुमत से सरकार है और जिसके बल और पैसों की ताकत पर दूसरे राज्यों में सरकार बनाने के प्रयास में जुटी है में तो लागू करे।

अपने द्वारा कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को नियमित करने का वायदा कर भुल जाना और दूसरे राज्यों में फिर वही वायदे करना यह सिर्फ आम आदमी पार्टी ही कर सकती हैं।

दिल्ली की सार्वजनिक वाहन सेवा को पूर्ण रूप से बर्बाद करने के बाद भी जनता को विज्ञापनों और समाचारों के माध्यम से बोलना की दिल्ली में दुनियां की सबसे बेहतरीन परिवहन व्यवस्था । यह बोलने की क्षमता भी सिर्फ आम आदमी पार्टी के पास ही है।

दिल्ली की सड़को को पूर्ण रूप से गावों से भी गई गुजरी सड़को में बदलवा कर उसकी तुलना लंदन से करने की बोलने की क्षमता भी सिर्फ आम आदमी पार्टी मे है।

सबसे बड़ी बात आखों से सब कुछ देखते हुए भी भारत सरकार, माननीय उच्चतम न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय दिल्ली और सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का मुंह बंद रखवाने की क्षमता भी सिर्फ आम आदमी पार्टी की पास है।

धन्य है दिल्ली की जनता जिसने पूरी ईमानदारी से आम आदमी पार्टी को राजनीति में आगे आने और सक्रिय होने का मौका दिया और दुनियां को एक और राजनीति के गुण से अवगत करवाया।

दिल्ली में कितने सरकारी पद है और उनमें कितने पद खाली है, क्या आप जानते है?
दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के बनने से लेकर आज तक कितने व्यक्तियों को नियमित नौकरी दी गई, क्या आप जानते हैं ?
दिल्ली में सरकारी राजस्व से कितनी सार्वजनिक सवारी वाहन खरीदे गए, क्या आप जानते हैं?

अगर हां तो अच्छी बात और अगर नहीं तो मात्र 10 रुपए खर्च कर आरटीआई में जाने, आपकी आंखे स्वयं खुल जाएगी और मन प्रसन्न हो जाएगा।

जनहित में जारी
संजय बाटला

बी एस-6 कार में लगवा सकेंगे सीएनजी और एलपीजी किट,

August 24, 2022

बीएस-6 मानक कार में लगवा सकेंगे अब सीएनजी किट, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण कारों में सीएनजी किट लगवाने वालों की संख्या बढ़ रही है. इससे गाड़ियों को चलाने की लागत कम हो जाती है.

भारत सरकार ने 3.5 टन से कम के डीजल और पेट्रोल इंजनों को सीएनजी इंजन / सीएनजी किट से बदलने की मंजूरी आखिर दे दी . अभी तक सिर्फ बीएस-4 उत्सर्जन मानदंड वाले वाहनों में इस तरह की किट लगाई जा सकती थी.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा, ‘मंत्रालय ने बीएस-6 पेट्रोल वाहनों में सीएनजी किट लगाने और बीएस-6 में 3.5 टन से कम डीजल इंजनों को सीएनजी इंजन से बदलने की मंजूरी दे दी है.

सीएनजी एक पर्यावरण अनुकूल ईंधन है और पेट्रोल और डीजल इंजन की तुलना में कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन और धुएं आदि के उत्सर्जन स्तर को कम करता है.

पैट्रोल या डीजल की तुलना में एक स्वच्छ ईंधन समाधान हैं. पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के साथ देश भर में सीएनजी की बिक्री में वृद्धि हुई है. हालांकि, फैक्ट्री फिटेड सीएनजी कारों की उपलब्धता की कमी और सीएनजी के लिए ईंधन भरने वाले स्टेशनों की कमी वाहन मालिकों के सामने आने वाली कुछ बाधाएं हैं.

जनहित में जारी :- संजय बाटला

दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग द्वारा सार्वजनिक सवारी वाहन सेवा प्रदान करने से पीछे खींचे अपने हाथ, अब क्या होगा दिल्ली वासियों का

August 23, 2022

दिल्ली परिवहन निगम के लिए अपने पूरे कार्यकाल में एक भी बस नही खरीद कर दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने अपने दिल की बात जनता के समक्ष पेश कर ही दी थी, अब परिवहन विभाग द्वारा भी दिल्ली की जनता को सुरक्षित सार्वजनिक सवारी वाहन सेवा प्रदान करने से अपना हाथ खींचना शुरू कर दिया है।

परिवहन आयुक्त ने जनता के समक्ष अपनी बात प्रस्तुत कर दी है और दिल्ली की जनता को बता दिया की अगर दिल्ली की जनता सुखद सवारी वाहन सेवा चाहती हैं तो दिल्ली परिवहन विभाग दिल्ली में एप बेस्ड प्रीमियम बस सर्विस एग्रीगेटर को इजाजत दे देगी।

यहां हम आपको याद करवा दे दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा पहले भी दिल्ली में एप बेस्ड ईको फ्रेंडली सेवा एग्रीगेटर लाइसेंस जारी किए थे और कुछ ही समय में सब हवा हो गया और सारे एग्रीगेटर अपने वाहनों को चलवाने की जगह बेचने को मजबूर हो गए थे।

दिल्ली में ओला, उबर जैसे एप बेस्ड एग्रीगेटर सेवा प्रदान कर रहे है जिन पर आज तक तो दिल्ली परिवहन विभाग और दिल्ली सरकार गलत कार्यवायियो के बाद भी पाबंदी लगाने में असमर्थ रही हैं और दिन प्रतिदिन शिकायतों के बाद भी उनकी गुंडागर्दी अपनी चरम सीमा पर है और अब परिवहन आयुक्त दिल्ली में जनता को सुरक्षित सेवा प्रदान करने वाली स्टेज़ कैरेज परमिट सवारी वाहनों की जगह जनता को प्राइवेट एग्रीगेटर की वाहन सेवा लेने को मजबूर करने को तैयार हैं।

परिवहन विभाग और दिल्ली सरकार जब पहले के एप बेस्ड वाहन एग्रीगेटर कंपनियो पर अभी तक कोई कंट्रोल नहीं कर पाए तो आगे क्या करेंगे यह आप स्वयं सोच सकते हैं।

यह फैसला दिल्ली के परिवहन आयुक्त का है जो अपने फैसले को लागु करने के लिए किसी भी कानून, सरकारी विभाग ओर माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों को दरकिनार करने से नही घबराता। ऐसे में अब दिल्ली की जनता को आने वाले समय मे कितना सुरक्षित सवारी सेवा उपल्ब्ध होगी इसके बारे मे बताने की आवश्यकता नहीं।

जनहित में जारी

संजय बाटला

Faith एनजीओ में कौन हैं फैसले लेने के हकदार ओर क्यों आईडीटीआर एनजीओ की गलतियां नही देखी जाती, जाने

August 22, 2022

फाउंडेशन टू असिस्ट इन इंकुलकेटिंग ट्रैफिक हैबिट्स (फेथ) एनजीओ की संचालक समिति में शामिल हैं

  1. प्रिंसिपल सेक्रेटरी कम कमिश्नर परिवहन जीएनसीटीडी :- चेयरमैन
  2. मैनेजिंग डायरेक्टर मैसर्स श्री मारुति सुजुकी इण्डिया लिमिटेड :- वाइस चेयरपर्सन
  3. स्पैशल कमिश्नर परिवहन जीएनसीटीडी :- जनरल सेक्रेटरी
  4. डिप्टी कंट्रोलर ऑफ अकाउंट्स परिवहन :- ट्रेजरर
  5. सीएमडी दिल्ली परिवहन निगम :- मेम्बर
  6. मैनेजिंग डायरेक्टर अशोका लीलैंड लिमिटेड चेन्नई :- मेम्बर
  7. डायरेक्टर आईडीटीआर :- मेम्बर
  8. डायरेक्टर डीटीआई :- मेम्बर

अब आपको बता दें आईडीटीआर को क्यों पक्ष दिया जाता हैं, क्यों आईडीटीआर कुछ भी करे उस पर कोई रोक नहीं लगाएगा!!!

नंबर 2 वाइस चेयरपर्सन ही है आईडीटीआर के चेयरमेन।

यहां आपकी जानकारी के लिए एक और जरूरी बात है नम्बर 5 सीएमडी दिल्ली परिवहन निगम यानी मंत्री परिवहन दिल्ली सरकार (मेम्बर)

अब आपको कुछ तो समझ आ गया होगा की क्यों और कैसे दिल्ली परिवहन विभाग और दिल्ली सरकार आईडीटीआर के खिलाफ़ उठी आवाज पर भी कार्यवाही नहीं कर सकते ओर उसकी सभी मांगों को मानने के लिए मजबूर हैं और इसीलिए आईडीटीआर को परिवहन विभाग द्वारा 2 सैंटर और इसके लिए फ्री जमीन वो भी उनकी इच्छा के अनुसार दे दी ।

अब दिल्ली की जनता स्वयं फैसला ले की आखिर क्यों परिवहन विभाग ने सिर्फ इन्हे ही हैवी लाइसेंस ट्रैनिंग सर्टिफिकेट देने की इजाजत दी और किसी को नहीं।

जनहित में जारी
संजय बाटला