Archive for October, 2022

तीर्थ स्थल के क्या है फायदे ?

October 31, 2022

*लोग अकसर सवाल उठाते हैं….*

*मंदिर या तीर्थ स्थल बनाने से क्या फायदा होता है* *** *स्कूल या हॉस्पिटल क्यों नहीं.*

*लोग इकोनॉमिक बेसिक के ज्ञान से वंचित हैं और आप जाने तीर्थ स्थल बनाने के मुख्य फायदे*

स्कूल अस्पताल बनाने के लिए पैसा चाहिए और इन दोनों सुविधाओ को इस्तेमाल करने के लिए भी पैसा ही चाहिए… वो कैसे और कहां से आयेंगे जनता के पास ?? इस पैसों को कमाने के चक्र क्रम को कहते हैं इकोनॉमिक एक्टिविटी

*आप सभी जानते हैं केदारनाथ धाम को*

2013 में यह धाम पूरी तरह बर्बाद हो गया था और अब इसे वापस बना दिया गया है और पहले से भी बेहतर सुविधाएं तैयार कर दी गयी हैं ।

इस साल केदारनाथ धाम पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई हुई वहा के रहने वाले लोगों की.

*1 अरब रूपए से ज्यादा तो मात्र घोड़े वालों ने इस सीजन में कमाये हैं,
*हेलीकाप्टर कंपनियों ने 75 करोड़ से ज्यादा की कमाई की,
*जो लोग यात्रियों को लाठी डंडी देते हैं उन्होंने 86 लाख की कमाई की है,
होटल, धर्मशाला, कैब, बस, ट्रेन, ढाबे, चाय पानी नाश्ते वालों और किराने आदि की दुकानों वालों ने भी करोड़ों कमाये,
*पिट्ठू वालो, फूल माला वालो, पूजा पाठ कराने वाले पंडितों आदि ने भी अच्छा खासा कमाया है.

कुल मिलाकर एक मंदिर होने से सैंकड़ो करोड़ रूपए की इकोनॉमी एक्टिविटी हुई है, जिससे लाखों लोगों को रोज़गार मिला और कमाई होती है.

आपकी जानकारी के लिए याद करवा दे कुछ साल पहले इलाहबाद का नाम बदल कर प्रयागराज रखा गया था वहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और अन्य कामों में लगभग 4000 करोड़ खर्च किये गए थे । उस समय भी लोगों ने हल्ला मचाया था और बोल रहे थे नाम बदलने से क्या फर्क पड़ेगा । और अब आज देखें की नाम बदलते ही इस शहर का हाल । प्रयागराज नाम अपने आप में बहुत बड़ा ब्रांड है जो लोगों को आकर्षित कर रहा है अपनी और.

नाम बदलने के पीछे जो सोच थी वह सामने आ गई और वही हुआ भी
*कुम्भ मेले के दौरान 1,20,000 करोड़ से ज्यादा का रेवेन्यू जनरेट हुआ लाखों लोगों ने साल भर में जितनी कमाई कर ली जो कभी सोची भी नही जा सकती थी वहा के नागरिकों ने.

अब देखें काशी, जहाँ कॉरिडोर बनाने पर करोड़ों खर्च किये गए लेकिन आज उसे ही देखने के लिए हर साल करोड़ों लोग काशी आ रहे हैं और हिसाब किताब करें तो एक साल में कई हजार करोड़ का रेवेन्यू यहाँ से जेनरेट होने लगा.

अब अयोध्या को देख लीजिये…. राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद शहर में बदलाव आने लगा है और हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट बन रहे हैं.

वहीं हर साल दीपोत्सव मनाया जाने लगा है, इस वजह से ना सिर्फ शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव आया, बल्कि अयोध्या भी अब एक बड़े ब्रांड के तौर पर उभर रहा है.

याद रखिये जिस दिन राम मंदिर बन कर तैयार होगा यह दुनिया में टॉप – 3 पिलग्रिमेज सेंटर में से एक होगा जहाँ हर वर्ष लाखों करोड़ों का रेवेन्यू जनरेट होने लगेगा .

*हिंदुत्व की खासियत यही है….* हमारा धर्म समाज के हर भाग से जुडा है और इकोनॉमिक्स इसका सबसे महत्वपूर्ण भाग है ।

किसी समाज या देश का सौभाग्य है की यह सोच हमारे पूर्वजो में पहले से रही है, इसीलिए मंदिर, त्यौहार, तीर्थ यात्रा और मेले… यह हजारों सालों से हमारे देश में एकता, प्यार और इकोनॉमिक एक्टिविटी के लिए कैटलिस्ट का काम करते आ रहे हैं…..

धर्म और इकोनॉमिक्स के इस गठजोड़ को समझने के लिए आपको ऑक्सफोर्ड से डिग्री लेने की जरूरत नहीं है और ना हीं
हेवर्ड इकोनॉमिस्ट बनने की, इसके लिए तो आपको सिर्फ आप सबका अपना कॉमन सेंस ही बहुत है ।

*अब आप सभी बताए की मंदिर और तीर्थ स्थल बनाने से कितने फायदे होते है देश और देश की इकोनॉमी एक्टिविटी में*

जनहित में

क्या आरटीवी हवा से चलती है, संजय बाटला

October 30, 2022

दिल्ली सरकार द्वारा आरटीवी मिनी बस का किराया वर्ष 2009 में अन्तिम बार घोषित किया गया था और उसके बाद से लगातार वाहन मालिकों द्वारा मांग करने के बाद भी किराए में वृद्धि नही करी।

दिल्ली में स्टेज कैरीज पर आरटीवी मिनी बस सेवा के अतिरिक्त डीटीसी और क्लस्टर बसे सवारी सेवा में लगी हुई है।

डीटीसी की बसों में होने वाले घाटे की पूरी भरपाई दिल्ली सरकार भरती हैं इसलिए डीटीसी को घाटे से कोई फर्क नही पड़ता,

कलस्टर बसों को दिल्ली परिवहन विभाग समय समय पर उनके साथ किए गए किलो मीटर दर से बढ़ा कर भुगतान कर रहे हैं और कलस्टर एग्रीमेंट से अंदाजन 85 प्रतिशत अधिक दर से भुगतान कर रहे हैं इसलिए कलस्टर कम्पनियों को भी कोई किराया बढ़ाने या नहीं बढ़ाने से कोई फर्क नही पड़ता

दिल्ली सरकार ने इसके अलावा दिल्ली में महिला फ्री स्टेज कैरेज बसों में करने के दिशा निर्देश जारी किए हुए हैं पर परिवहन विभाग ने इस आदेश को दिल्ली में चलने वाली आरटीवी मिनी बसों में लागू नहीं किया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा कलस्टर कम्पनियों को बढ़ा कर दिए जाने वाली दर यह सिद्ध करने के लिए काफ़ी है की दिल्ली परिवहन विभाग स्वयं यह मानता है की दिल्ली में स्टेज कैरिज सवारी सेवा में लगे वाहनों को वायबिल फंडिंग गैप के तहत कम से कम 85 प्रतिशत मिलना चाहिए और इसी के तहत परिवहन विभाग कलस्टर कम्पनियों को 85 प्रतिशत दर बढ़ा कर दे रहे है।

दिल्ली सरकार द्वारा लागू दिशा निर्देश महिला फ्री सेवा के लिए पिंक पास जारी है और उसकी गिनती के अनुसार डीटीसी और क्लस्टर कंपनियों को पैसों का भुगतान किया जा रहा है।

अब दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग बताए ऐसे हालात उत्पन्न करने के बाद दिल्ली में वर्ष 2000 से स्टेज कैरेज परमिट द्वारा सवारी सेवा प्रदान करने वाले वाहन मालिक कहा जाए और कैसे अपने वाहनों की किश्ते भरे और कैसे परिवार का भरण पोषण करे।

जनहित में जारी
संजय बाटला

जिहादियों द्वारा की जाने वाली नृशंस हत्या के विरोध में हिन्दू महापंचायत

October 28, 2022

जिहादी व्यक्ति द्वारा 8 वर्षीय दलित बालिका गुड़िया वाल्मीकि की नृशंस हत्या के विरोध में हिंदू महापंचायत

शुक्रवार, 28 अक्टूबर, 2022, नई दिल्ली। दिल्ली के नरेला में एक जिहादी ने 8 वर्षीय अबोध बालिका की निर्मम हत्या 7 अक्टूबर को कर दी, पूरा हिंदू समाज इस दुर्दांत घटना पर अत्यंत दुखी है और सोचने पर मजबूर हो गया है कि वे कहां पर सुरक्षित है उनके बच्चे बिल्कुल भी सुरक्षित नहीहै लोगों में आक्रोश है, लोगों का प्रशासन के ऊपर से विश्वास उठता जा रहा है, विश्व हिंदू परिषद जो पहले भी ऐसी घटनाओं के विरोध में लोगों के साथ खड़ा हुआ था अब भी उस अबोध बालिका की निर्मम हत्या के विरोध में विराट हिंदू महापंचायत की गई जिसमे सभी जाति, बिरादरी के लोगों तथा सभी हिंदू संगठनों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली प्रांत अध्यक्ष श्री कपिल खन्ना जी ने कहा जिहादियों द्वारा पूरे भारतवर्ष में कई प्रकार से आतंक फैलाया जा रहा है कभी लव जिहाद में हिंदू युवतियों को फंसा कर उनकी हत्या करना, कभी जमीन जिहाद इत्यादि ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है, दूषित मानसिकता वाले यह जिहादी अपने कुकृत्य से बाज नहीं आ रहे हैं अभी हाल ही में 1 अक्टूबर को दिल्ली के सुंदर नगरी में मनीष की हत्या कर दी गई उससे पहले भी दिल्ली में कई जगह हत्याओं का सिलसिला चल रहा था और अब दिल्ली के नरेला में मानसिक रूप से बीमार जिहादी ने 8 वर्षीय अबोध बालिका गुड़िया की हत्या कर दी। उन्होंने कहा समाज को एकजुट होकर प्रतिकार करने होगा जिससे भविष्य में कोई ऐसी घटना न होने पाए।

श्रीमान सुरेंद्र गुप्ता जी ने अबोध बालिका गुड़िया वाल्मीकि की निर्मम हत्या पर दुख व्यक्त करते हुए लोगों का संबोधन किया और कहां ऐसी घटनाएं बहुत ही चिंताजनक है क्योंकि ऐसी घटनाएं रुकने का नाम ही नहीं ले रही है कोई दिन ऐसा नहीं जाता है जब कोई ना कोई घटना इन जिहादियों द्वारा कर दी जाती है ऐसा लगता है कि यह जिहादी हमें चुनौती दे रहे हैं इसलिए उन्होंने लोगों से अपील करें कि आप सतर्क रहें तथा श्रीमान सुरेंद्र गुप्ता जी ने प्रशासन से अपील की कि इस घटना पर अपराधी पर तुरंत कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए तथा लोगों से शांतिपूर्ण रहते हुए सतर्क रहने का आह्वान किया।

बजरंग दल प्रांत संयोजक श्री भारत बत्रा ने सभी हिन्दुओं से एक होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा जाति पंथ चाहे अनेक हैं, हिंदू हम सब एक हैं।
इस अवसर पर विभाग अध्यक्ष श्री नरसिंह जी, विभाग मंत्री श्री तोताराम जी और अश्वनी वर्मा जी सहित विभाग, जिले के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

सौजन्य से :- स्वतंत्र सिंह भुल्लर

क्या परिवहन विभाग की सोच और जारी कार्यो को ही विधि विधान द्वारा पारित कानून मानना पड़ेगा ?

October 26, 2022

दिल्ली परिवहन विभाग और दिल्ली की जनता

माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा डीजल वाहनों की दिल्ली में चलने की आयु 10 साल के आदेश पारित करने से पहले के पंजीकृत वाहनों पर दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा बंदिश लगा दी गईं थीं और अब उसके बाद विधि विधान द्वारा पारित भारत सरकार के राजपत्रित दस्तावेज़ में जारी आदेश को माननीय उच्चतम न्यायालय के पुर्व आदेश का हवाला देकर दिल्ली में लागू करने से मना कर दिया।

सवाल
क्या परिवहन विभाग के आला अधिकारी दिल्ली की जनता को यह बता सकते हैं कि माननीय उच्चतम न्यायालय का कार्य नियम बनाना है या विधि विधान से पारित नियम के आधार पर नियमो का पालन करवाना ?

माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी आदेश के तहत कोई भी सरकारी विभाग तकनीकी पदो पर गैर तकनीकी कर्मचारियों/ अधिकारियो की नियुक्ति नहीं कर सकता पर दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा तकनीकी पदो पर गैर तकनीकी कर्मचारी/ अधिकारी नियुक्त किए गए,

सवाल
दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा ज़ारी इस आदेश को दरकिनार कर तकनीकी पदो पर अपने मन पसन्द गैर तकनीकी कर्मचारियों ) अधिकारियो को नियुक्ति दी , क्या यह कानून की दृष्टि में सही है ?

दिल्ली की आम जनता को सुविधा उपल्ब्ध करवाने के लिए दिल्ली के सभी क्षेत्रों में परिवहन कार्यालय दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल द्वारा आदेशित और राजपत्र द्वारा शुरु किए जाते रहे हैं पर दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा एक कम्पनी को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से उनमें से तीन परिवहन कार्यालयो को जनहित का नाम देकर बंद कर दिए वह भी बिना राजपत्र और जनता से राय/ विचार और प्रतिक्रिया के

सवाल
क्या राजपत्र द्वारा खोले गए जनहित के सरकारी कार्यालय बिना जनता से राय/ विचार और प्रतिक्रिया के कानूनी ढंग से बंद किए जा सकते हैं ?

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा दिल्ली में वाहनों को पंजीकृत करते समय वाहन मालिकों से लाईफ टाइम पार्किंग फीस जमा करवाई जाती है और व्यवसायिक वाहन मालिको से वाहन की हर फिटनेस के समय फिटनेस फीस के साथ पार्किंग फीस ली जाती हैं फिर वाहनों के सड़को पर नो पार्किंग के चालान करने का उद्देश्य

सवाल
वाहन मालिक से जब एडवांस में दिल्ली परिवहन विभाग पार्किंग फीस जमा करवा लेते हैं तब किस आधार और कानून के अनुसार दिल्ली यातायात पुलिस, प्रवर्तन शाखा परिवहन विभाग, एमसीडी, एनडीएमसी विभाग के कर्मचारी वहां के नो पार्किंग के चालान करते हैं ?

क्या परिवहन विभाग जिस कार्य को सम्पन्न करना चाहता है वह ही कानून कहलाता है ?
क्या परिवहन विभाग दिल्ली के लिए भारत सरकार द्वारा विधि विधान द्वारा पारित कानून या माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी आदेश कोई महत्व रखता है या नही रखता ?

जनहित में जारी
संजय बाटला

संजय सम्राट अध्यक्ष दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन आज माननीय उपराज्यपाल दिल्ली से मिले और परिवहन क्षेत्र में आने वाली परेशानियों से कराया अवगत

October 25, 2022

25 अक्टूबर 2022
आज दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मण्डल ने दिल्ली के परिवहन विभाग द्वारा पैनिक बटन के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली के उप राज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना जी से मिलकर उनको ज्ञापन सौपा.

ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री संजय सम्राट ने दिल्ली के उप राज्यपाल, श्री विनय कुमार सक्सेना जी को बताया की दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग काफी सालो से दिल्ली के टैक्सी और बस वालो से पैनिक बटन के नाम पर गाड़ियों के पंजीकरण और फिटनेस के समय 9000 रुपए से लेकर 22000 रूपए तक वसूल करवा रहा हैं, इसके लिए परिवहन विभाग ने प्राइवेट कंपनी वालो का एक पेनल बनाया हुआ हैं.

इस पैनिक बटन के बगैर दिल्ली में कोई भी टैक्सी या बस का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता और ना ही उन गाड़ियों की फिटनेस हो सकती हैं.

संजय सम्राट ने कहा पैनिक बटन वास्तव में नाम मात्र का पैनिक बटन हैं और इसकी कीमत मात्र 5 रुपए हैं, इन पैनिक बटन के द्वारा महिलाये आपातकालीन स्तिथि में बटन दबाकर पुलिस को बुला सकती हैं इसलिए इन्हे सवारी वाहनों में लगाना अनिवार्य किया गया था ।

इसके विपरित सच्चाई यह हैं की दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग द्वारा इसके प्रयोग के लिए बनने वाला कॉल सेंटर अभी तक नहीं बनवाया और ना ही अभी तक बनाने की कोई कोशिश करी.

पैनिक बटन के नाम से दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग दिल्ली के टैक्सी -बस वालो से 9000 से 22000 रूपए तक का अपने द्वारा पंजीकृत कंपनियों को दिलवा कर बहुत बड़ा घोटाला करवा रहा हैं और यह भ्रष्टाचार काफी सालो से लगातार ऐसे ही चल रहा हैं.

संजय सम्राट ने कहा हैं की इस पैनिक बटन घोटाले के खिलाफ हम काफी शिकायत पत्र मुख्य मंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल और परिवहन मंत्री श्री कैलाश गेहलोत को लिख चुके हैं, लेकिन आज तक उन्होंने हमारी बात को नहीं सुना, हमने दिल्ली के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को भी मिलकर पैनिक बटन के नाम पर होने वाली धांधली की शिकायत की और उन्होंने माना की पैनिक बटन दबाने से कुछ नहीं होता और ना हो इसका कोई कॉल सेंटर हैं.

यह महिलाओ की सुरक्षा से बड़ा खिलवाड़ हैं और दिल्ली सरकार महिलाओ की सुरक्षा के नाम पर सत्ता में आई थी. इसके बावजूद पैनिक बटन के नाम पर सबूतों के साथ दर्ज की गई शिकायतों के बाद भी अरबो रूपए की लूट खसोट लगातार जारी हैं।

ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने दिल्ली के उप राज्यपाल जी से मांग की हैं की इस पैनिक बटन घोटाले की जांच सीबीआई द्वारा करवाई जाए और पैनिक बटन की अनिवार्यता को तुरंत खत्म करवाया जाए । जब तक इसके लिए कोई कॉल सेंटर नहीं बनता और जितना पैसा दिल्ली के टैक्सी बस वालो ने पैनिक बटन के नाम पर परिवहन विभाग को दिया हैं वो सारा पैसा टैक्सी बस मालिकों को वापिस करवाया जाए.

दिल्ली के उप राज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना जी ने ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मण्डल को अस्वासन दिया हैं की वो पैनिक बटन के मामले की जांच करवाएंगे क्योंकि ये मामला महिला सुरक्षा से जुडा हैं

जनहित में जारी :- संजय बाटला

दिल्ली सरकार/ परिवहन विभाग और परिवहन निगम को मार्च 2020 से खड़ी आरटीवी मिनी बसों को इस सेवा में बसे उपलब्ध करवाने के लिए सर्वप्रथम बुलाना चाहिए

October 25, 2022

दिल्ली में पर्यावरण बस सेवा शुरू करने से किसको मिलेगा फ़ायदा ?

किन प्राइवेट बसों या प्राइवेट बस मालिको के लिए डीटीसी ने पर्यावरण बस सेवा अनुबंधन का समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाया है।

दिल्ली में स्टेज कैरिज परमिट पर चलने वाली अधिकतर बसे 25 सीटर मिनी बसें मार्च 2020 से आज तक दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग की गलत नीतियों / गलत दिशा निर्देशों और आदेशों के साथ और बढ़ती सीएनजी दर के कारण सड़कों और पार्किंग में खड़ी है,

क्या दिल्ली परिवहन निगम, दिल्ली परिवहन विभाग और दिल्ली सरकार इस तरह के विज्ञापन जारी कर यह साबित करना चाहते हैं की आरटीवी मिनी बसों को चलवाने और जनता को सुरक्षित सेवा प्रदान करवाने का उनका कोई दायित्व नहीं।

यहां यह बात तो साफ हो जाती हैं की अगर दिल्ली को पर्यावरण बस सेवा की आवश्यकता है तो सर्वप्रथम दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा आरटीवी मिनी स्टेज कैरेज बस मालिको को इस सेवा में अपने वाहन चलाने के लिए मौका देना चाहिए इससे सुरक्षित और प्रभावी बस सेवा के साथ आरटीवी मालिको के घर परिवार के भरण पोषण का रास्ता साफ होगा और जनता का पैसा विज्ञापनों में खर्च होने से बच जाएगा।

संजय बाटला

दिल्ली सरकार को दिवाली के तोहफे में कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को नियमित करने का करना चाहिए ऐलान, संजय बाटला

October 24, 2022

दिल्ली की आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल अपनी राजनीति में आने के पहले दिन से दिल्ली के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को अपनी सरकार बनते ही नियमित करने का वायदा करते आ रहे हैं पर करने के नाम पर कुछ भी नहीं कर रहे। पूर्ण बहुमत से सरकार बनने के बाद वह अपने फायदे के कामों में व्यस्त हो गए और अपनी पार्टी को इसी प्रकार के वायदों और जनता को फ्री देने का लालच देकर अन्य राज्यो में अपनी पार्टी की सरकार बनाने और अपनी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनाने में लग गए।

अन्य राज्य सरकारों जिन्होंने कभी वायदा नही किया उन्होने अपने राज्य के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को नियमित कर दिखाया।

राजस्थान ने दिवाली के तोहफे पर अपने राज्य के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को नियमित करने का ऐलान कर दिया।

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को भी दिल्ली के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा तत्काल प्रभाव से कर अपने वायदे को पूरा करना चाहिए।

जनहित में जारी
संजय बाटला

*दिल्ली-एन.सी.आर. में दिवाली से पहले ही लग सकता है खतरनाक ‘ग्रहण’, बच्चों-बुजर्गों को होगा सबसे ज्यादा खतरा जाने कैसे?*

October 24, 2022

*दिल्ली-एन.सी.आर. में दिवाली से पहले ही लग सकता है खतरनाक ‘ग्रहण’, बच्चों-बुजर्गों को होगा सबसे ज्यादा खतरा जाने कैसे?*

पंजाब और हरियाणा में जलाई जाने वाली पराली और उत्तर दिशा से आ रही हवा दिल्ली एनसीआर में प्रदुषण का मानक बढाने का मुख्य कारण बन रहा है। पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार होने के कारण इस वर्ष आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री कुछ नहीं बोल रहे जबकि इस वर्ष वह चाहते तो पंजाब में जलने वाली पराली को वह इस त्यौहार के समय में रुकवा सकते थे।

माना जा रहा है कि एनसीआर में दिवाली पर संभावित आतिशबाजी और पराली के धुएं के चलते दिल्ली में दिवाली की रात हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में उच्च स्तर पर या गंभीर श्रेणी में निचले स्तर पर रह सकती है।

पंजाब और हरियाणा में दिवाली पर्व से पहले पराली जलाने से दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक के बहुत खराब श्रेणी में पहुंचने की आशंका सफर इण्डिया एवम् अन्य विशेषज्ञों द्वारा जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि पराली जलाने से बना स्माग दिल्ली-एनसीआर में 23 अक्टूबर रात से ही अपना असर दिखाना शुरू कर देगा और वायु गुणवंता मानक एक्यूआई 300 के पार ना चला जाए ।

*आइआइटीएम पुणे का पुर्वानुमान है कि 25 अक्टूबर तक दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खराब रह सकता है। दरअसल, 23 अक्टूबर को हवाएं उत्तर दिशा से आएंगी। इनकी गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास रहेगी।*

*सफर इंडिया के संस्थापक निदेशक गुरफान बेग का कहना है कि दिवाली की रात हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंचने से रोकने का एक मात्र उपाय यह है कि अगले तीन दिन पराली बिल्कुल न जलने पाए।*

*डाक्टरों के मुताबिक, जहरीली हवाएं फेफड़ों पर विपरीत प्रभाव डालती हैं। यहां तक कि दूषित हवा हर उम्र के लोगों पर असर डालती है, खासतौर बुजुर्गों सभी को बीमार करती है, ख़ासतौर पर बूढ़ों और बच्चों को। दरअसल, बुजुर्गों में उम्र के साथ उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इसी तरह बच्चों पर भी वायु प्रदूषण खराब असर डालता है।*

*अगर पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार और दिल्ली के मुख्यमंत्री दिल्ली की जनता की सुरक्षा की अहमियत मानते तो वह पंजाब में इस वर्ष पराली को जलाने से 5 नवम्बर तक रोक सकते थे और इससे यह फायदा होता की तब तक उत्तर की तरफ़ से आने वाली हवा की दिशा बदल जाती और दिल्ली प्रदुषण के खतरे से मुक्त हो जाता,* पर दिल्ली की जनता के प्रदुषण प्रकोप से बचने से *दिल्ली के मुख्यमंत्री एवम् आम आदमी पार्टी के संयोजक को क्या फायदा होता, बड़ा सवाल ?*

जनहित में जारी
*संजय बाटला*

25 तारीख से पैट्रोल पंप वाले नही मागेंगे आपसे प्रदुषण नियंत्रण प्रमाण पत्र, आदेश किया गया रद्द

October 23, 2022

दिल्ली सरकार ने वापस लिया अपना फैसला, 25 अक्टूबर से वाहनों में ईंधन भरवाने के लिए प्रदुषण नियंत्रण प्रमाण पत्र अनिवार्य नहीं

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा 25 अक्टूबर से दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर वाहनों में ईंधन भरने के लिए पीयूसी अनिवार्य नहीं होगा।

दिल्ली सरकार ने 25 अक्टूबर से शहर भर के पेट्रोल पंपों पर वाहनों में ईंधन भरने के लिए प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र अनिवार्य करने के फैसले को वापस ले लिया गया है।

मंत्री ने 12 अक्टूबर को घोषणा की थी कि जब राजधानी में वायु प्रदूषण चरम पर होगा तो सर्दियों से पहले वाहनों से होने वाले उत्सर्जन पर अंकुश लगाने के लिए वह पीयूसी को अनिवार्य कर देंगे।

पेट्रोल डीजल मालिक संघों ने कानून व्यवस्था के संबंध में कई सुझाव दिए हैं। इस पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की जाएगी और तब निर्णय लिया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सीएम से चर्चा करने की जरूरत है।

रेड लाइट ऑन, गाडी ऑफ’ अभियान 28 से होगा शुरू

इस बीच, गोपाल राय ने यह भी घोषणा की कि वाहन विरोधी प्रदूषण अभियान ‘रेड लाइट ऑन, गाडी ऑफ’ का पहला चरण 28 अक्टूबर से 28 नवंबर तक शुरू होगा, जिसके दौरान दिल्ली में सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स यात्रियों को विभिन्न माध्यमों से वाहनों के प्रदूषण के बारे में जागरूक करेंगे।

अखिल भारतीय पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा, “ईंधन भरने के लिए पीयूसी को अनिवार्य करने से फिलिंग स्टेशनों पर कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है। पेट्रोल पंप आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम के तहत आते हैं और वे किसी को भी रिफिलिंग से मना नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा, रिफिलिंग में लगे लोग कुशल श्रमिक नहीं हैं और इस प्रकार पीयूसी प्रमाणपत्र की जांच करने के लिए पर्याप्त सक्षम नहीं हैं। इससे भ्रम और कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। हमने यह सब दिल्ली सरकार को सूचित किया था।”

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) द्वारा पिछले साल नवंबर में किए गए एक विश्लेषण में कहा गया है कि दिल्ली में स्थानीय पार्टिकुलेट मैटर में वाहनों का सबसे बड़ा योगदान है। हालांकि, सरकार ने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कार्रवाई शुरू की है और लोगों को जागरूक करने के लिए बाहरी फिलिंग स्टेशनों सहित शहर भर में 120 प्रवर्तन दल तैनात किए हैं कि पीयूसी प्रमाणपत्र एक अनिवार्य दस्तावेज है जो यह प्रमाणित करता है कि वाहन का टेलपाइप उत्सर्जन अनुमेय सीमा के भीतर है। वैध पीयूसी प्रमाण पत्र के बिना चलने वाले वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम की धारा 190 (2) के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है और तीन महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है।

दिल्ली में 10 क्षेत्रों में फैले लगभग 966 पीयूसी जांच केंद्र हैं। प्रदूषण लेवल टेस्ट इंस्पेक्टरों द्वारा रैंडम जांच भी की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीयूसी केंद्र सही प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं।

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान अतीत में वाहनों से होने वाले प्रदूषण के बारे में जागरूकता फैलाने में सफल साबित हुआ है। अभियान के तहत, जन प्रतिनिधि और अधिकारी वाहनों के प्रदूषण को रोकने के लिए यात्रियों को रेड लाइट पर अपने वाहन बंद करने के लिए प्रेरित करते हैं।

“रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ अभियान का पहला चरण 28 अक्टूबर से 28 नवंबर तक चलेगा। हम यात्रियों को विभिन्न माध्यमों से वाहनों के प्रदूषण के बारे में जागरूक करेंगे। यह अभियान मुख्य रूप से 100 भीड़-भाड़ वाले चौराहों पर चलाया जाएगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी जमीन पर अभियान को लागू करने के लिए 2,500 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को शामिल करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी हैं।

जागरूकता अभियान दो शिफ्टों में सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक और दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे तक चलेगा।

जनहित में जारी :- संजय बाटला

*प्रदुषण नियंत्रण के लिए दिल्ली में नवम्बर महीने के पहले हफ्ते से शुरु होने जा रही है पर्यावरण बस सेवा*

October 22, 2022

*दिल्ली ए.क्यू.आई. : दिल्ली में 262 एक्यूआई के साथ खराब श्रेणी में हुई दर्ज हवा*

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है। मौसम के बदलाव के बीच शनिवार सुबह से ही दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में धुंध छायी रही। 262 एक्यूआई के साथ हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई है।

वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि शनिवार यानी आज से दिल्ली-एनसीआर की हवा और बिगड़ने लगेगी। अगले दो दिन तक हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में रहेगी। ऐसे में दिवाली के अगले दिन हवा और दमघोंटू साबित हो सकती है। सफर के अनुसार आज सवेरे दिल्ली का एक्यूआई 262 दर्ज किया गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली की हवा 262 एक्यूआई के साथ खराब श्रेणी में दर्ज की गई। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाई जा रही है। वहीं, पराली जलने पर नजर रखने वाली एजेंसियों के मुताबिक, दिल्ली के बाहरी इलाकों में पराली जलना शुरू हो गई है। हालांकि, अभी प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी न के बराबर है।

विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली से पहले ही हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज हो रही है। वहीं, दिवाली के मौके पर हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली के बाद पराली जलने की घटनाएं भी बढ़ सकती है। साथ ही पारा लुढ़कने और हवा की रफ्तार कम होने की वजह से प्रदूषकों को जमने में मदद मिलेगी।

दिल्ली सरकार के संयोजक पिछले सालों की तरह इस बार पंजाब में जलने वाली पराली से दिल्ली में होने वाले प्रदुषण रोकने के लिए कुछ भी नहीं बोल रहे, आख़िर क्यों? क्या इसलिए की अब पंजाब में उनकी अपनी पार्टी आम आदमी पार्टी की सरकार हैं और अपनी ही पार्टी की सरकार की कम्मिया कैसे बोली जा सकती हैं।

दिल्ली में दिवाली के बाद विशेषज्ञों की मानें तो हवा की गुणवत्ता बेहद खराब पाई जा सकती हैं अत: दिल्ली के मुख्यमंत्री को तत्काल प्रभाव से पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से पराली के जलाने पर रोक लगाने के प्रति बोले।

जनहित में जारी :- संजय बाटला