Archive for June, 2021

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा लूट,

June 15, 2021

दिल्ली में कर्फ्यू और लॉक डाउन के चलते सभी परिवहन कार्यालयों (एम एल ओ आफिस, अथॉरिटी) में लर्निंग लाइसेंस से परमानेंट लाईसेंस बनवाने के लिए अभी जरुरी ड्राईविंग टैस्ट का समय (स्लॉट) नही दे पा रही, आपकी जानकारी के लिए बता दे की लर्निंग लाइसेंस मात्र 6 महीने के लिए दिया जाता हैं और इसी समय में टैस्ट की परक्रिया पूरी कर के परमानेंट लाईसेंस लेना होता है। 6 महीने निकलने के बाद दुबारा लर्निंग लाइसेंस जारी करवाना होता है ।

मुख्य रूप से यहां जानने की बात यह है कि दिल्ली परिवहन विभाग लर्निंग लाइसेंस की फीस के साथ ही परमानेंट लाईसेंस के टैस्ट की फीस भी ले लेती है।

अब दिल्ली परिवहन विभाग जब टैस्ट देने के लिए समय (स्लॉट) ही इन 6 महीनों में देने में सक्षम नहीं तो किस आधार और नियम के तहत दुबारा उसी नाम की फीस परमानेंट लाईसेंस बनवाने वाले से मांगती/लेती हैं जिसमे उसकी कोई गलती नहीं ।

परमानेंट टैस्ट और लर्निंग रिन्यू के नाम मांगने / दुबारा लेने वाली फीस से दिल्ली परिवहन विभाग सीधी जनता से लूट कर रहा है। यह ही फीस है जिसके कारण परिवहन विभाग में लोगो को अपने परमानेंट टैस्ट का समय पाने के लिए सभी रास्ते अख्तियार करने पड़ते है ।

दिल्ली परिवहन विभाग के आला अधिकारी जल्द ही इस बात पर ध्यान दें और इस फीस को एक्सेम्प्ट (माफ) करने के आदेश पारित करे, क्योंकि यह फीस विभाग पहले से ही प्राथी से लर्निंग लाइसेंस फीस के साथ ले चूका है और विभाग ने इसका उपयोग नहीं किया है और ली गई फीस के रूप मे टैस्ट का समय देना विभाग का दायित्व है।

विभाग इस दौर में अपनी अविलंबिता की सजा प्राथी को नही दे सकता, अत यह परमानेंट टैस्ट और लर्निंग रिन्यू के नाम से ली जाने वाली फीस माफ के आदेश /दिशा निर्देश जारी करे ।

संजय बाटला

अध्यक्ष टोलवा

Watch “बर्बाद होते Transport Trade को दिग्गज वाहन निर्माता कम्पनियों का भी ठेंगा! ट्रांसपोर्टरों का कौन?” on YouTube

June 13, 2021

परिवहन

जिसके बिना सब हो सकता है बंद,

परिवहन क्षेत्र से जुड़े सभी व्यक्ति आज भारत और राज्य सरकारों द्वारा दी जानी वाली मदद की घोषणा की तरफ एक टूक नजर लगाए बैठी है, पैर सरकारे टू सरकार है अपनी अपनी सोच के अनुसार घोषणा करेगी ।

परिवहन क्षेत्र के व्यवसायिक घराने भारत सरकार को कोरोना बीमारी से छुटकारा दिलाने के लिए मदद दे रहे है पर उस घरानों को आसमान पर पहुंचाने वाले उनके द्वारा निर्मित वाहन को खरीदने वाले लोगो को मदद देने की सोच भी नही रहे, जबकि अपने द्वारा मदद देने के साथ साथ सरकारों से मदद का पैकेज की घोषणा करवाने में भी साथ खड़ा होना चाहिए था।

परिवहन क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों के लिए जिसके बिना ना तो सवारी और ना ही सामान की आवाजाही हो सकती हैं और ना ही प्रगति का कोई कार्य सम्भव है, फिर भी परिवहन क्षेत्र के लोगो के लिए ऐसी सोच ?

गरीबी के नाम पर पैकेज, राजनीति के अन्य कामों के लिए पैकेज, व्यवसाय घरानों के लिए पैकेज की घोषणा करने में एक बार भी ना सोचने वाली सरकारें इस क्षेत्र के लिए मदद के पैकेज की जगह गिद्ध की तरह नोचने में लगी है परिवहन क्षेत्र के व्यक्तियों को।

परिवहन क्षेत्र से जुड़े लोग भारत सरकार, राज्य सरकारों एवम् परिवहन कारोबारी घरानों से मदद की गुहार करती हैं।

दिल्ली परिवहन विभाग के ऑपरेशन ब्रांच के आला अधिकारी के कारण जनता को मिली सिर्फ लूटपाट

June 8, 2021

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा दिल्ली की जनता को दलालों, अथारिटी के स्टॉफ एवम् अन्य माध्यमों के द्वारा आने वाली परेशानियों से छुटकारा दिलाने की कोशिश मे दिल्ली परिवहन विभाग के आयुक्त जी जान से लगे हुए हैं और उनके आदेशों और कोशिश से लगने लगा था कि दिल्ली का परिवहन विभाग जनता के लिए एक मिसाल कायम करेगा, और यहां जिसको भी काम पड़ेगा उसे कोई परेशानी नहीं होगी,

दिल्ली परिवहन विभाग मिसाल कायम करने में तो कामयाब हो गया पर जनता को मदद मिलने की जगह जनता को मिली परेशानी और लूटपाट,

जनता को मिलने वाली परेशानियों और लूटपाट का जब कारण जानना चाहा तो पता चला की इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ़ एक व्यक्ति जो विभाग में कई शाखाओ का मुखिया, परिवहन विभाग का सबसे ज्यादा महत्वाकांक्षी और दिल्ली सरकार का सबसे प्रिय अधिकारी के जनता हित मे अधिक व्यस्त होने के कारण एक छोटा सा आदेश ना करने की वज़ह से हो रहा है,

परिवहन विभाग के द्वारा अधिकतर कार्य अब ऑनलाइन आवेदन करके बिना अथारिटी में आने जाने के या चक्कर काटने के हो जाने के आदेश कर दिए हैं यानी फेस फ्री कार्य,

अब परिवहन विभाग से तो सभी को कार्य पड़ता है उनमें अधिकतर लोगों को यह तरीके ना तो आते हैं और ना करने के लिए उनके पास सुविधा उपलब्ध हैं, ऐसे में अब वो जनता जनार्दन कहा जाय और कैसे अपने आप को ठगने से बचाए, यह बहुत बड़ा सवाल है।

और इसी सवाल के जवाब जिस व्यक्ति विशेष के आदेश से अथारिटी में लगाए जा सकते है उन्होने तो अपने आप को जेड प्लस सुरक्षा से भी ज्यादा बड़ी सुरक्षा के दायरे में रखा हुआ है की जनता का कोई भी व्यक्ति उन तक आ कर अपनी शिकायत दर्ज करवा भी ना दे क्योंकी वो तो लगे ही जनता के हित के कार्यों में है।

अथारिटी में कोई मददगार रहा नहीं क्युकी फेस फ्री के कारण जनता उन स्टॉफ से मिल नही सकती और वो जवाबदार भीं नही रहे और जिन को शिकायत की जा सकती हैं या करनी है उनको समय नहीं जनता से मिलने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए।

अगर परिवहन विभाग के ऑपरेशन ब्रांच के आला अधिकारी अपनी सभी ब्रांचों में दो दो बोर्ड बड़े बड़े अक्षरों में यह लिखवा कर लगाने के आदेश दे देते की यह यह सेवाए आनलाइन आवेदन पर बिना अथारिटी के चक्कर काटे कर दी गई है और अगर आपकों फार्म जमा करने में परेशानी हो रही हैं तो आप इस नम्बर पर फ़ोन करके घर बैठे 50 रुपए मात्र शुल्क देकर करवा सकतें है तो माननीय परिवहन आयुक्त के द्वारा की गईं मेहनत रंग लाती नजर आती ओर जनता लूटपाट से बचती ।।।

देर आए दुरुस्त आए कहावत यहां चरितार्थ होती हैं

अब भी आप अपनी सुरक्षा से बाहर आकर जनता की शिकायते सुन कर मदद और अथारिटी में यह बोर्ड लगवाने के आदेश कर देंगे तो आगे से जनता लूटपाट से बच जाएगी ।। क्यूंकि 50 रुपए की जगह उसी फार्म भरने और जमा करने के नाम से लोग हजारों रुपए लूट रहे है आम जनता से ,

जागो जनाब जागो,

जनता के हित के लिए कृपया जागिए,

संजय बाटला (अध्यक्ष टोलवा)

दिल्ली सरकार द्धारा ड्राईवर और मालिक को मदद की जगह दे रही परेशानी

June 3, 2021

दिल्ली सरकार दिल्ली के पारा ट्रांजिट वाहन चालकों और मालिकों के लिए कोरोना वायरस के कारण फाइनेशियल मदद की घोषणा की जिसके अंतर्गत दिए जाने वाली मदद किसी का भला कर सके,

इस भला को करवाने की जगह इसमें भी परिवहन विभाग और आईटी विभाग को माननीय परिवहन एवम् कानून मंत्री ने अपनो को पैसा पहुंचाने और आम जनता के व्यक्ति को परेशान करने का तरीका ढूंढ निकाला

धन्य है हमारे परिवहन विभाग के वह आला अधिकारी जिन्हे इस बुरे दौर में आम आदमी की परेशानी की जगह सरकार के चहेते लोगों तक मदद पहुंचने का फाइल में पूरा कार्य किया और करवाया

धन्य हैं दिल्ली आईटी विभाग के वह कर्मचारी जिन्होंने कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में भी ऐसा कर दिखाया

फाइनेंस हेल्प देने का आधार आधार कार्ड और उसके साथ स्लगन लाइसेंस या पारा ट्रांजिट वाहन होना रखा गया,

उसमे अपने व्यक्तियों को यह मदद पहुंचाने के लिए ई रिक्शे के रजिस्ट्रेशन नंबर की जरूरत ही हटा दी गई,

उसमे लोगो को स्टेटस अपडेट के रूप मे जवाब दिया जा रहा है की आधार कार्ड डिटेल उपलब्ध नहीं, जहा तक उनमें से कुछ व्यक्तियो को पिछली बार यह सरकार ही गलती से फाइनेशियल मदद दे चुकी है

अब आप ही बताइए,

यह मदद है या किसी परेशान व्यक्ति को और परेशान करने का तरीका, देखिए नीचे दिए गए लिंक पर कैसे दिल्ली सरकार के परिवहन एवम् कानून मंत्री इस काम के लिए अपने आप ट्विटर पर अपने उन चहेते लोगों से वाहवाही लूटने में लगे हैं और अली हकदार को तंग

Sanjay Bathla