उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद भी दिल्ली में अभी तक नही शुरू किया गया डीजल वाहनों का पंजीकरण, कौन जिम्मेदार ?

June 12, 2023

क्या आप जानते हैं डीजल यूरो VI इंजन वाहन का प्रदुषण सीएनजी वाहन से भी कम है, गूगल पर सर्च करने पर जो सूचना सामने आई उसके अनुसार डीजल यूरो VI के वाहन सीएनजी वाहन से भी कम प्रदुषण फैलाते है ( डीजल यूरो VI और सीएनजी प्रदूषण की कॉपी आपकी जानकारी हेतु स्लगन)

सवाल यह उठता है जब डीजल वाहनों के चलने से प्रदूषण नियंत्रण में रहेगा फिर दिल्ली परिवहन विभाग दिल्ली में यूरो VI डीजल वाहनों का पंजीकरण क्यो नही शूरू करना चाहता।

बाहरी राज्यों में पंजीकृत वाहनों के दिल्ली में आने पर कोई टैक्स नहीं लिया जाता जबकि अन्य सभी राज्यो को सीमा पर बाहरी राज्यों के वाहनों से पैसेंजर एवम् अन्य टैक्स जमा करवाने के बाद ही राज्य की सीमा में प्रवेश दिया जाता है।

इस छूट का फायदा बाहरी राज्यों में पंजीकृत वाहन वाले खुब उठाते हैं और खुल कर दिल्ली में अपने वाहनों को चलाते नज़र आते हैं।

अब सवाल यह उठता है की बाहरी राज्यों के डीजल वाहन जब दिल्ली में बे रोक टोक चल सकते हैं तो दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा दिल्ली में डीजल वाहनों का पंजीकरण बंद क्यों ?
दूसरा बड़ा सवाल यह उठता है की जब यह सिद्ध हो चुका की यूरो VI डीजल वाहनों के द्वारा निकलने वाला प्रदुषण सीएनजी वाहनों से भी कम है फिर इनके पंजीकरण के लिए परिवहन विभाग द्वारा पंजीकरण प्रक्रिया शुरू क्यो नही?
तीसरा बड़ा सवाल यह उठता है की दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा दिल्ली से अंतरराजकिय प्रीमियम बस पर डीजल बसों को शूरू करने के उद्देश्य से कुछ समय पहले कानुनी सलाह प्राप्त की थी जिसके आधार पर दिल्ली परिवहन निगम द्वारा प्रीमियम बस सेवा शुरू करने का फैसला लिया गया था,
चोथा और अंतिम बड़ा सवाल यह उठता है की जब उच्चतम न्यायालय भारत द्वारा एक याचिका की सुनवाई पर दिल्ली में डीजल VI वाहनों को पंजीकरण करने की छूट दे दी तो परिवहन विभाग ने उस आदेश पर दुबारा कानूनी राय लेने का विचार क्यो बनाया।

क्या परिवहन आयुक्त यह मानते हैं कि बाहरी राज्यों से दिल्ली में आकर चलने वाले वाहन दिल्ली में अपने पंजीकृत वाहनों से बेहतर है और प्रदुषण नही फैलाते ?

जवाब तो बनता है क्योंकी प्रदुषण के नाम से होने वाली सारी मार दिल्ली में रहने वाली जनता और परिवहन से जुड़े व्यवसाई ही भुगतते है, जैसे की अभी परिवहन आयुक्त के दिशा निर्देश पर जनता के खडे वाहनों को उठवा कर दूसरे राज्यों में भेजने की प्रक्रिया।

दिल्ली में जल्द ही जी20 के लिए सभी देशों के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित होगें और दिल्ली की छवि को चार चांद लगवाने में दिल्ली की सड़को और उन पर उपल्ब्ध वाहनों का बहुत बड़ा महत्व और योगदान होगा अत: परिवहन आयुक्त दिल्ली को दिल्ली में यूरो VI डीजल वाहनों के पंजीकरण को शुरू करवाने के दिशा निर्देश तत्काल जारी कर देने चाहिए।

लाइसेंस के लिए ऑटोमेटिक टेस्ट सेंटर अनिवार्य करने के पीछे क्या सोच रही आशीष कुंद्रा और दिल्ली सरकार की

June 10, 2023

दिल्ली में अच्छी ड्राइविंग स्किल वाले ही ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त कर पाए इसके लिए दिल्ली परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा द्वारा दिल्ली की जनता के लिए खास तौर से दिल्ली की युवा पीढ़ी जो कार और बाइक का अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए इच्छुक रहते हैं उन के लिए दिल्ली में ड्राइविंग स्किल टेस्ट ऑटोमेटिक स्किल टेस्ट सेंटर पर टेस्ट पास करना अनिवार्य कर दिया।

सही मायने में जनता की सुरक्षा हेतु ऐसा करना / करवाना एक अच्छा विचार और कार्य है पर इसका सच बयानों और जनता की सुरक्षा से बिलकुल भिन्न नज़र आ रहा है।

दिल्ली में कार्यरत

कुछ दिन पहले पूर्व दिल्ली उपायुक्त परिवहन द्वारा एक सर्कुलर/ नोटिफिकेशन जारी किया गया था (कॉपी स्लगन), जिसमे उपायुक्त अनिल छिकारा द्वारा जनता के समकक्ष उजागर किया गया की उनकी जानकारी में आया है की कार चलाने के ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले थ्री व्हीलर आटो द्वारा टेस्ट देकर ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त कर रहे हैं जो सड़को पर सुरक्षा की दृष्टि से गलत है । सड़को पर जनता की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए उनके यह बयान बहुत अधिक मूल्यवान है इसमें कोई शक नहीं। उपायुक्त अनिल छिकारा द्वारा कहे गए इसी बयान को अगर सही तरीके से समझा जाए तो परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा और दिल्ली सरकार की मिलीभगत ओर जनता की सुरक्षा का नाम लेकर जनता को असुरक्षा की तरफ़ धकेलना सपष्ट नज़र आ रहा है।

दिल्ली की सड़को पर आज की तारिख में सबसे अधिक मात्रा मे चलने वाले वाहन ई रिक्शा और आटो रिक्शा है और पूर्व दिल्ली उपायुक्त परिवहन की बात को सही दृष्टि से देखें और समझे तो इन ड्राइविंग कंप्यूटराइज्ड स्किल टेस्ट पर किसी भी ई रिक्शा और आटो द्वारा टेस्ट देने से फेल होना असम्भव है इसके लिए उन्होंने बताया आटोमेटिक कंप्यूटराइज्ड ड्राइविंग स्किल टेस्ट के प्रोग्राम में सुरक्षा की दृष्टि से दोनो कैटेगरी (ई रिक्शा और आटो) के वाहन चालकों के प्रति कुछ भी नहीं रखा गया।

इसका अर्थ सीधे शब्दो में हुआ ” दिल्ली सरकार के वोट बैंक का श्रेय प्राप्त व्यक्ति से ड्राइविंग स्किल टेस्ट लिया जाना सिर्फ अन्य ड्राइविंग टेस्ट देने वालो के लिए दिखावा मात्र है” और सारी सोच दिल्ली के युवा जो अपने निजी वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस लेना चाहते हैं के लिए रचा गया है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा पूरे भारत देश के लिए कुछ वर्षों पूर्व गैजेट नोटिफिकेशन जारी कर लाइसेंस टेस्ट की प्रकिया से ही मुक्त होने का मार्ग दे दिया था पर दिल्ली के जनहित का नाम लेकर कार्य करने वाले परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा द्वारा उसके लिए अभी तक दिल्ली में कोई भी कदम नहीं उठाया, क्योंकि दिल्ली में अगर यह नियम लागू हो गया तो परिवहन आयुक्त कैसे दिल्ली के युवा को फेल करवाकर बार बार उससे फीस के नाम पर पैसा जमा करवाकर दिल्ली के राजस्व में इतना इज़ाफ़ा करवाने में कामयाब हो पाएंगे।

कितनी जनहित की सोच है ना दिल्ली परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा की दिल्ली सरकार के प्रति फैसला आपका

*दिल्ली परिवहन आयुक्त द्वारा बाहरी राज्यों में पंजीकृत अपने प्रिय 10 वाहन स्क्रैप डीलरो को दिल्ली की जनता के वाहन उठाने के लिए किया अधिकृत*

June 7, 2023

परिवहन आयुक्त द्वारा बाहरी राज्यों के अपने प्रिय 10 वाहन स्क्रैप डीलरो को दिल्ली की जनता के वाहन उठाने के लिए किया अधिकृत वह भी सिर्फ अपनी हठ को पूरा करने के लिए वह भी गैर कानूनी तरीके से,

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा दिल्ली की जनता के डीजल 10 साल और अन्य पेट्रोलियम के 15 साल पूरे कर चुके खड़े वाहनों को अपनी ताकत और हठ का परिचय देते हुए नियम और क़ानून को एक तरफ़ रख (और भारत देश के सभी माननीय गणों के आंख – मुंह और कान बंद रखवा कर) के दिल्ली से बाहर अधिकृत/ पंजीकृत अपने परिचित वाहन स्क्रैप डीलरो को उठा कर ले जाने के लिए अधिकृत किया

पहले इन की गिनती 4 थी फिर 8 की गई और आज 10 कर दी गई। (वाहन स्क्रैप डीलर की लिस्ट आदेश की कॉपी आपकी जानकारी हेतु समाचार के साथ संलग्न)

भारत देश में किस राज्य में कितने स्क्रैप डीलर पंजीकृत हैं और उनके फ़ोन नम्बर, पता और व्यक्ति के नाम भी आपकी जानकारी हेतु इस समाचार में प्रकाशित कर रहे हैं जिससे दिल्ली की जनता को सुविधा रहे उनसे बात करने की।

आप सभी की जानकारी हेतु बता दें दिल्ली परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा द्वारा ही जनता को वायदा किया था की आप अपने पूराने या समय पूरा कर चूके वाहनों को इलैक्ट्रिक में बदल कर सड़कों पर चलाए और इन्ही के द्वारा दिल्ली में एक भी अधिकृत इलेक्ट्रिक किट या इलेक्ट्रिक में वाहन को परिवर्तित करने वाला पंजीकरण/ अधिकृत नही किया । हा शुरू में जनता को गुमराह करने हेतु परिवहन विभाग की अधिकृत वेब साइट पर 10 इलेक्ट्रिक में वाहनों को बदलने वाली कंपनियों को पेश करवाते रहें पर बाद में वेब साइट से उनके भी नाम गायब हो गए और वाहनों को उठा कर ले जाने वालो के नाम चमकने लगे।

*उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग द्वारा वाहन मालिको को बड़ी राहत*

June 5, 2023

2 जून 2023 को परिवहन विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा जारी दिशा निर्देश और गैजेट नोटिफिकेशन द्वारा 1 जनवरी 2017 से 31 दिसम्बर 2021 तक के सभी लम्बित चालानो को समाप्त करने की घोषणा की।

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग द्वारा वाहन मालिको को बड़ी राहत पर दिल्ली सरकार और परिवहन आयुक्त जो दुनिया मे विज्ञापनो और बयानों द्वारा अपने आप को जनहित का मसीहा घोषित करने में कोई कमी नहीं आते के द्वारा ना तो खड़े वाहनों का टैक्स छोड़ा गया और ना ही कोई सुविधा उपलब्ध करवाई ।

दिनांक 01.01.2017 से 31.12.2021 तक लम्बित चालानों के निस्तारण के सम्बन्ध में। उपर्युक्त विषयक उत्तर प्रदेश दण्डविधि (अपराधों का शमन एवं विचारणों का उपशमन) (संशोधन) अधिनियम 2016 द्वारा उत्तर प्रदेश दण्ड विधि (अपराधो का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) अधिनियम, 1979 की धारा 9 की उपधारा (1) में, खण्ड (क) में, उपखण्ड (एक) के स्थान पर निम्नलिखित उपखण्ड रख दिया जायेगा, अर्थात्- “(एक) मोटरयान अधिनियम, 1988 या एवं उपधारा (2) में शब्द और अंक 1 जनवरी, 1977 के स्थान पर शब्द और अंक 1 जनवरी, 2013” रख दिये जायेगें, प्राख्यापित किया गया।

दिनांक 01.01.1977 से दिनांक 01.01.2013 तक किसी मजिस्ट्रेट के समक्ष लम्बित कार्यवाहियो का उपशमन की अवधि को बढ़ाने के लिये उक्त अधिनियम की धारा 9 की उपधारा (2) में संशोधन किया किया।

उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 22.03.2023 में यह उपबन्ध किया गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 के खण्ड (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करके राज्यपाल द्वारा निम्नलिखित उत्तर प्रदेश दण्ड विधि ( अपराधो का शमन और विचारणो का उपशमन) (संशोधन) अध्यादेश 2023 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 2 सन् 2023) जिसमें गृह (पुलिस) अनुभाग-9 प्रशासनिक रूप से सम्बन्धित है. प्रख्यापित किया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश दण्ड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) अधिनियम, 1979 की धारा 9 में, उपधारा (2) में शब्द और अंक “31 दिसम्बर, 2016” के स्थान पर शब्द और अंक “31 दिसम्बर, 2021 रख दिये जायेगें” निर्गत किया गया।

उपर्युक्त अध्यादेश अन्य अधिनियमों के अन्तर्गत किए गये अपराधों के साथ- साथ मोटरयान अधिनियम / नियमावली के अन्तर्गत किये गये चालानों पर भी प्रभावी है। ऐसी स्थिति में दिनांक 31.12.2016 से 31.12.2021 की अवधि में किए गये चालान, जो न्यायालय में लम्बित है, को सम्बन्धित न्यायिक अधिकारी द्वारा उपशमित किया जा रहा है।

आपसे अपेक्षा है कि मा० न्यायालय से उपशमित वादों की सूची प्राप्त कर उन्हें ई-चालान पोर्टल से डिलीट करने की कार्यवाही करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

सभी परिवहन से संबंधित संगठनों द्वारा इसका स्वागत किया गया और साथ ही परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश का धन्यवाद किया। आप सभी की जानकारी हेतु आदेश की कॉपी और गैजेट नोटिफिकेशन इसी समाचार के साथ उपल्ब्ध ।

*जी-20 के लिए आवश्यक वाहनों को बिना स्पीड कंट्रोल डिवाइस लगाए किया जाए पंजीकृत, उच्च न्यायालय दिल्ली*

June 4, 2023

इंडियन टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन (रजिस्टर्ड) द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में लगाई अपनी याचिका में न्यायलय को बताया की जी-20 के लिए विशेष रूप से खरीदी जाने वाले वाहनों को दिल्ली परिवहन विभाग पंजीकृत करने के लिए इस लिए इंकार कर रहा है क्योंकि उनमें स्पीड कंट्रोल डिवाइस (इनर/आउटर) नही लगे हुए और इसका मुख्य कारण है की इन वाहनों के निर्माता अंदरूनी स्पीड कंट्रोल डिवाइस लगाते नही और बाहर इन वाहनों के लिए भारत सरकार के द्वारा निर्धारित मानक के स्पीड कंट्रोल डिवाइस उपलब्ध नहीं, ऐसे में किस तरह दिल्ली में होने वाले जी-20 में वाहन उपल्ब्ध करवाए जायेंगे। इसी के साथ बताया की मुंबई हाईकोर्ट में 1408/2017 (सबकी जानकारी के लिए पत्र की कॉपी समाचार के साथ उपलब्ध) में सड़क परिवहन एवम् राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दिए गए लिखित जानकारी में बताया था की कोई भी राज्य सरकार अपने राज्य में इस नियम को बदलने/ हटाने के लिए सक्षम है।
माननीय उच्च न्यायालय के न्यायधीश द्वारा दिल्ली परिवहान विभाग को जी-20 के लिए अनिवार्य वाहनों को जिनके स्पीड कंट्रोल डिवाइस उपल्ब्ध नहीं है बिना स्पीड कंट्रोल डिवाइस के पंजीकृत करने के दिशा निर्देश जारी किए। (दिशा निर्देश की कॉपी आपकी जानकारी हेतु समाचार के साथ उपल्ब्ध)

यहां एक बात और आपकी जानकारी हेतु जरूरी है की किसी भी राज्य में किसी भी वाहन की बिक्री तभी सम्भव होती है जब वाहन निर्माता या उसका अधिकृत डीलर परिवहन विभाग से उस वाहन को बेचने के लिए ट्रेड सर्टिफिकेट प्राप्त कर लेता है। ऐसे में कोई भी राज्य खास तौर कर दिल्ली परिवहन विभाग ऐसे किसी भी वाहन को दिल्ली में बेचने के लिए ट्रेड सर्टिफिकेट किस आधार पर जारी कर रहा है जो उनके द्वारा निर्धारित मानक को पूरा नहीं करते।

परिवहन विभाग की गलतियों का हर्जाना कब तक दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ेगा इसका जवाब तो परिवहन आयुक्त द्वारा देना बनता है।

कार की जगह आटो से टेस्ट देने को क्यों हैं मजबूर और कौन हैं इसका जिम्मेदार ? बड़ा सवाल ?

June 2, 2023

कार की जगह आटो से टेस्ट देने को क्यों हैं मजबूर दिल्ली के युवा और कौन हैं इसका जिम्मेदार ? बड़ा सवाल

माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा इंश्योरेंस कंपनी द्वारा एलएमवी लाइसेंस पर क्लेम ना देने पर दिए गए आदेश ओर उसपर मॉर्थ द्वारा जारी एडवाइजरी का गलत तरीके से कुछ लोगो के द्वारा फायदा उठाने की जानकारी मिलने पर हरकत में आया परिवहन विभाग

दिल्ली ड्राइविंग लाइसेंस दिल्ली की जनता में ऑटोमेटिक ड्राइविंग स्किल टेस्ट में फेल होने से बचवाने का कुछ लोगों ने निकाला नया तरीका उन्होंने टैस्ट आसानी से पास करवाने के लिए ऑटो रिक्शा द्वारा टेस्ट देना शुरू करवा दिया .

देश के किसी भी राज्य में कार चलाने के लिए लाइट मोटर व्हीकल (एलएमवी) ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट देना अनिवार्य है.

दिल्ली में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ऑटोमेटिक ड्राइविंग स्किल ट्रैक पर ड्राइव करके टेस्ट देना अनिवार्य किया हुआ है पर इस तरह के ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर ट्रैनिंग देने के लिए अभी तक दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा किसी भी ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को लाइसेंस देते समय बनाने की शर्त/ नियम लागू नहीं किए, जिस कारण दिल्ली में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालो के दिल में ऑटोमेटिक ड्राइविंग स्किल ट्रैक पर टेस्ट देने के समय दिल में एक डर बना रहता है और वह इस ट्रैक पर टेस्ट में फेल हो जाते हैं।

विश्वस्त सूत्रों की जानकारी के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन करने वाले लोग कार की जगह ऑटो रिक्शा चला कर ऑटोमेटेड ट्रैक पर आसानी से टेस्ट देकर लाइसेंस ले रहे हैं वजह यह है कि ऑटो रिक्शा और कार दोनों ही एलएमवी कैटेगरी में आते हैं और कार की तुलना में ऑटोरिक्शा चलाना आसान रहता है .

ऑटो रिक्शा के द्वारा दिए गए टेस्ट पास करने पर जो लाइसेंस मिलता है वह कार के लिए भी मान्य होता है और इसीलिए इसका फायदा उठाया जा रहा हैं. कुछ लोगों द्वारा इस्तमाल किया जाने वाला यह तरीका परिवहन विभाग के आला अधिकारी तक पहुंचा और कार्यवाही के रुप में जारी हुआ दिशा निर्देश, जिसमे कहा गया ऑटोरिक्शा ड्राइविंग टेस्ट को कार या चार पहिया वाहनों के बराबर नहीं माना जाना जा सकता है. चार पहिया वाहनों के चलाने वालों से कार की जगह ऑटोरिक्शा पर ड्राइविंग टेस्ट लेकर ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने से दिल्ली की सड़को पर सुरक्षा की दृष्टि में बढ़ सकता है .

परिवहन विभाग के आधिकारी का कहना है कि मोटर कारों का टर्निंग रेडियस लगभग 5 मीटर होता है जबकि ऑटो का टर्निंग रेडियस तीन मीटर से भी कम होता है. इसी तरह ऑटो का क्लच, ब्रेक और एक्सीलेटर दोपहिया वाहनों की तरह होता है और इसके अतिरिक्त कार का व्हील बेस ऑटो की तुलना में लगभग 1.5 से 2 गुना ज्यादा होता है. ऐसे में कार चलाने के लिए ऑटो की तुलना में ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती है.

यहां यह भी जानना अति आवश्यक है कि परिवहन विभाग द्वारा ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक कार/वैन की ड्राइविंग के अनुसार डिजाइन करवाया हुआ है ना कि ऑटोरिक्शा के लिए।

बाहरी राज्यों के वाहन स्क्रैप डीलर उठा रहे दिल्ली की जनता के वाहन, कितना न्यायिक?

May 31, 2023

दिल्ली के तिलक नगर क्षेत्र में बाहरी राज्य के पंजीकृत वाहन स्क्रैप डीलर द्वारा जबरन उठाए गए जनता के खड़े वाहन

दिल्ली परिवहन आयुक्त द्वारा खड़े वाहनों को उठाने के सख्त दिशा निर्देश का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं बाहरी राज्यों के वाहन स्क्रैप डीलर, अपने बल का प्रयोग कर जनता के वाहनों को उठाकर कहा ले जा रहें यह भी कोई नही जानता क्योंकि परिवहन विभाग को तो जो गिनती वह वाहन स्क्रैप डीलर दिखाएंगे वही गिनती नज़र आयेगी क्योंकि दिल्ली में उनके द्वारा उठाए गए वाहनों को एक जगह ही रखने के लिए वाहन कलेक्शन सेंटर भी परिवहन आयुक्त द्वारा जरूरी नहीं किया गया । जहा वाहन स्क्रैप डीलर दिल्ली से उठाए वाहनों को तब तक खड़ा रखे जब तक वाहन मालिक की रजामंदी नही मिलती या कोई वाद विवाद समय सीमा में प्रस्तुत नही होता।

जिस व्यक्ति के सिर पर विशेष रुप में स्वयं परिवहन आयुक्त का हाथ हो उसे किसी से या किसी नियम कानून से क्या डर, जो आज सड़को पर सपष्ठ देखने को मिला।

जब स्वयं परिवहन आयुक्त ने अपने प्रिय बाहरी राज्यों के वाहन स्क्रैप डीलरो को खड़े वाहनों को उठवाने के लिए दिल्ली सरकार के विधि एवम् न्याय/ परिवहन मंत्री के द्वारा जारी दिशा निर्देश को दरकिनार कर के दिखा दिया तो उनके प्रिय को किसी और से क्या डर।
सबसे अचम्भे की बात तो यह है की वायु गुणवंता प्रबंधन आयोग के चैयरमैन के द्वारा बिना पूर्ण सत्य को परखे और जाने परिवहन आयुक्त के पक्ष में अपनी सहमती प्रदान कर दी वह भी कानूनी तरीके की जांच करवाए बिना।

दिल्ली की जनता अब अपने दिलो दिमाग से इस बात को निकाल दे की परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा के इस पद पर बने रहने तक दिल्ली की जनता को कोई भी इलेक्ट्रिक किट लगाने वाला या दिल्ली का अपना अधिकृत पंजीकृत वाहन स्क्रैप डीलर मिलेगा और दूसरे शब्दो में यह अच्छी तरह मान ले की परिवहन आयुक्त आपके वाहनों को हर हाल में आपसे जबरदस्ती लेकर अपने प्रिय बाहरी राज्यों के वाहन स्क्रैप डीलरो को सौप कर ही रहेगा और इसमें आपको बचाने के लिए कोई भी (ना तो माननीय उपराज्यपाल, ना ही कोई न्यायालय, ना ही दिल्ली सरकार और उनका कोई मंत्री और तो और ना ही माननीय प्रधान मंत्री, ना ही गृह मंत्री और अन्य कोई मंत्री भारत सरकार) मदद के लिए कोई भी उपस्थित नही होगा और ना ही कोई आदेश पारित करेगा यह अब साफ़ हो गया, क्योंकि परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा को इस तरह जनता के खड़े वाहनो को कानूनन या गैर कानूनी ढंग से उठवा कर दिल्ली से बाहर भिजवाने के लिए सहमती प्राप्त है तभी तो हो रहा है यह सब

जनहित में जारी
संजय बाटला

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के दिशा-निर्देश को ठुकरा कर परिवहन आयुक्त ने अपना आदेश रखा जारी

May 30, 2023

परिवहन आयुक्त की जिद जीती और दिल्ली परिवहन मंत्री के दिशा निर्देश हारे और होगी परेशान दिल्ली की जनता

दिल्ली परिवहन आयुक्त के आदेश पर दिल्ली में जनता के द्वारा इलैक्ट्रिक किट लगवाने/दिल्ली में पंजीकृत वाहन स्क्रैप डीलर के इन्तजार में खड़े करे हुए 10 साल के डीजल और 15 साल पूर्ण कर चुके पेट्रोल/सीएनजी वाहनों को दिल्ली सरकार और परिवहन मंत्री के मना करने के बाद भी अपने प्रिय बाहरी राज्यों में पंजीकृत वाहन स्क्रैप डीलरो को डंके की चोट पर उठवा कर अरबपति बनवाने में लगे हैं। सोमवार से ही परिवहन आयुक्त के अंर्तगत प्रवर्तन शाखा को सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं की कम से कम 100 वाहन हर हाल मे उठवाने है और परिवहन आयुक्त के आदेश पर सोमवार को कागजों में 120 वाहन उठा कर आयुक्त के प्रिय स्क्रैप डीलरो को सुपुर्द की बात सामने आई है जबकि यह गिनती इससे ज्यादा भी हो सकती है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो आज मंगलवार को भी दिल्ली की जनता की 100 से ज्यादा वाहन परिवहन आयुक्त के प्रिय वाहन स्क्रैप डीलरो को सुपुर्द किए गए हैं।

दिल्ली के परिवहन मंत्री द्वारा खड़े वाहनों को नही उठाने की बात परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा को इतनी दिल में लगी की उसी दिन से अपनी पूर्ण ऊर्जा इस आदेश को पुन: प्राप्त करने में लगा दी और आखिर अधुरे सत्य के बल पर वायु गुणवता आयोग से अपनी पसन्द का पत्र प्राप्त कर लिया ओर बिना किसी भी अन्य इन्तजार के वाहन उठवा कर अपने प्रिय बाहरी राज्यों के स्क्रैप डीलरो को सुपुर्द करवाना शुरु करवा दिया।

दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल/ दिल्ली सरकार/ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल/ परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत सब कुछ देख कर भी चुप रहकर दिल्ली में गैर कानूनी कार्यवाही को रूकवाने में बेअसर साबित हो रहे हैं।
क्या दिल्ली की जनता अब यह माने की दिल्ली परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा की हठ और फैसला :- नियम कानून, माननीय उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के दिशा निर्देश से भी अधिक ताकत रखते हैं ।

क्या अपनी इसी ताकत के कारण परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा द्वारा अपने पद की ताकत का साथ में प्रयोग कर दिल्ली को जानबूझकर

  1. ना ही कोई वाहन रेट्रोफिटमेंट इलेक्ट्रिक किट / इलैक्ट्रिक वाहन में परिवर्तित करने वाला मिलने दिया और
  2. ना ही दिल्ली का अपना पंजीकृत वाहन स्क्रैप डीलर ही मिलने दिया

परिवहन आयुक्त के प्रिय बाहरी राज्यों के वाहन स्क्रैप डीलरो से अगर कोई कानूनी विवाद की स्थिति पैदा होगी तो पहले से ही परेशान दिल्ली का नागरिक बाहरी राज्यों में धक्के खाता रहेगा वह भी सिर्फ परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा की नीतियों और आदेशों के कारण जो प्रदुषण की रुकावट के लिए नही बल्कि अपने प्रिय बाहरी राज्यों के वाहन स्क्रैप डीलरो के घर भरवाने के लिए।

दिल्ली की जनता के वाहनों की प्रदुषण जांच/ फिटनेस जांच किए बिना वाहनों को उठवा कर सीधे बाहरी राज्यों के स्क्रैप डीलरो को सुपुर्द करना कैसे न्यायिक है
और क्यों दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल/ मुख्य सचिव/ मुख्यमंत्री और परिवहन एवम न्याय विधि मंत्री परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा के इस आदेश पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे, बड़ा सवाल?

केके दहिया विशेष आयुक्त परिवहन के कार्यकाल में जारी आदेशों को पुन: विचार कर किया जा रहा है रोल बेक, आखिर क्यों?

May 26, 2023

परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा द्वारा विशेष परिवहन आयुक्त के.के. दहिया द्वारा उनके कार्यकाल के दौरान जारी करवाए आदेशों को एक एक करके शुरू किया रोल बेक करना

दिल्ली परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा द्वारा विशेष परिवहन आयुक्त के.के. दहिया द्वारा जारी करवाए गए आदेशों को एक एक करके रोल बेक करने के पीछे क्या है माजरा, बड़ा सवाल क्योंकी अब तक वापिस किए जा चुके हैं चार आदेश।

  1. दिल्ली में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालो को आनलाइन टैस्ट सैंटर पर जाकर ड्राइविंग लाइसेंस टैस्ट पास करने के बाद लाइसेंस जारी किया जाता हैं और इसी बात को मद्देनजर रखते हुए आदेश जारी किए गए थे की बाहरी राज्यों के बने राज्यों के ड्राइविंग लाइसेंस को एक साल से पहले दिल्ली में एंडोर्स नही किया जायेगा पर उनके रिटायर होते ही दिल्ली में इस आदेश को सभी परिवहन कार्यालयों की शाखाओं ने मानना छोड़ दिया और बाहरी राज्यों के बने ड्राइविंग लाइसेंस को एंडोर्स करना शुरु कर दिया।
  2. दिल्ली में 2019 से पंजीकृत सवारी वाहनों और एनपी परमिट पर चलने वाले गुड्स वाहनों पर वीएलटी यंत्र परिवहन सड़क एवम् राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी गैजेट नोटिफिकेशन के अनुसार यंत्र मेनुफैक्चर या उसके द्वारा अधिकृत डीलर से लगवाना अनिवार्य है पर विशेष आयुक्त परिवहन केके दहिया के रिटायर होने के बाद एनआईसी एप में बदलाव करवाकर वाहन निर्माता या उसके द्वारा अधिकृत डीलर से लगवाना अनिवार्य करवा दिया । जबकि मोर्थ द्वारा जारी गैजेट नोटिफिकेशन के अनुसार वाहन निर्माता या उसके द्वारा अधिकृत डीलर अप्रैल 2023 से पंजीकरण होने वाले वाहनों के लिए अनिवार्य है ना की उससे पूर्व (2019 से मार्च 2023 तक) पंजीकृत वाहनों पर, और
  3. दिल्ली में वाहन मालिको द्वारा अपने वाहनों का दिल्ली के पंजीकरण को रद्द करवा कर दूसरे राज्य में पंजीकरण कराने के उद्देश्य से प्राप्त की हुई एनओसी को रद्द करवाने के लिए 90 दिन के आदेश विशेष परिवहन आयुक्त केके दहिया द्वारा जारी हुए थे पर आज परिवहन आयुक्त द्वारा यह आदेश भी रोल बेक कर दिया गया।
  4. विशेष परिवहन आयुक्त केके दहिया द्वारा दिल्ली में ऑटो शाखा में वाहन पंजीकरण पर एचपी (एडिशन) चढ़ाने के लिए अन्य सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ एचपी एग्रीमेंट की पूरी कॉपी वह भी वाहन मालिक और फाइनेंस कंपनी के सेल्फ अटेस्ट सिग्नेचर कर जमा कराना आवश्यक करवाया था जिसे परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा द्वारा गैर तकनीकी अधिकारी को ऑटो टैक्सी शाखा में एमएलओ नियुक्त करने के बाद बंद करवा दिया जिसके कारण दिल्ली में अधिकतर ऑटो मालिक फाइनेस कम्पनी के चंगुल में दुबारा फसने लगे।

परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा द्वारा विशेष आयुक्त परिवहन केके दहिया के रिटायर होने से पहले जारी आदेशों को रोल बेक करने का क्या है मुख्य कारण कही उस समय जारी किए गए आदेश मोटर वाहन नियम से बाहर थे पर फिर भी जारी कर दिए गए और अब इसीलिए परिवहन आयुक्त उन सभी आदेशों को पुन: जांच करवा कर रोल बेक आदेश पारित कर रहे हैं। अब इन्तजार हैं की और कितने आदेश रोल बेक किए जाएंगे और परिवहन आयुक्त द्वारा जनता को सुखद अहसास दिलवाया जाएगा।

जनहित में जारी
संजय बाटला

परिवहन विभाग द्वारा 25 फरवरी 2022 को जारी किए आदेश को आज लिया गया स्वयं वापिस, जाने

May 25, 2023

परिवहन विभाग द्वारा 25 02 2022 को जारी आदे लिया गया आज वापिस

पूर्व समय में किसी भी वाहन मालिक द्वारा अपने वाहन को दूसरे राज्य में पंजीकरण के लिए ली गई एनओसी के बाद अगर वाहन उस राज्य में किसी भी कारण से पंजीकृत नही हुआ या नहीं किया गया या नहीं करवाया गया तो उनके लिए दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा बड़ी खुशखबरी है की वह वाहन मालिक अब आपने वाहन के लिए ज़ारी एनओसी को रद्द करवा कर वापिस अपने वाहन का पूर्व पंजीकरण बिना किसी विलम्ब के पा सकता हैं।

आपकी जानकारी हेतु बता दें पहले वाहन मालिक सिर्फ 90 दिनो मे ही एनओसी रद्द करवा सकता था पर अब कितना भी समय पहले की जारी एनओसी को भी रद्द करवाया जा सकता है। आदेश जारी (कॉपी स्लगन)